भारत ने सीमेंट क्षेत्रक के लिए पांच कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन (CCU) टेस्ट बेड्स के पहले क्लस्टर का अनावरण किया | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

भारत ने सीमेंट क्षेत्रक के लिए पांच कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन (CCU) टेस्ट बेड्स के पहले क्लस्टर का अनावरण किया

Posted 15 May 2025

9 min read

इसका उद्देश्य सीमेंट क्षेत्रक में नवीन CCU टेस्ट बेड का विकास और उपयोग करना है। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) आधारित वित्त-पोषण मॉडल के माध्यम से औद्योगिक सेटअप में CO2 कैप्चर + CO2 उपयोग संबंधी एकीकृत इकाई विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।

  • मंत्रालय: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST)।
  • टेस्ट  बेड्स में नवीन प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया जाएगा जैसे-
    • ऑक्सीजन-एनहैंस्ड कैल्सीनेशन: CO₂ को कंक्रीट ब्लॉक्स और ओलेफिन (जैसे: एथिलीन व प्रोपिलीन) में बदला जाता है।
    • कार्बन-नेगेटिव मिनिरलाइजेशन: CO₂ को चट्टान में लॉक किया जाता है।
    • वैक्यूम स्विंग ऐड्सॉर्प्शन: सीमेंट निर्माण संबंधी भट्ठी से निकलने वाली गैसों में से CO₂ को अलग कर उसे निर्माण सामग्री में एकीकृत किया जाता है।

कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन (CCU) के बारे में

  • परिभाषा: CCU प्रौद्योगिकियों का एक समूह है जिसमें ईंधन, रसायन जैसे आवश्यक उत्पादों के निर्माण के लिए फीडस्टॉक के रूप में कार्बन को कैप्चर एवं उपयोग किया जाता है।
  • कार्बन कैप्चर:
    • औद्योगिक (जैसे- सीमेंट संयंत्र) या ऊर्जा (जैसे- बायोमास विद्युत संयंत्र) स्रोतों से: मेमब्रेन्स, सॉल्वेंट अब्जॉर्प्शन, या ऐड्सॉर्प्शन जैसी प्रौद्योगिकियों के माध्यम से फ्लू गैसों से CO₂ को अलग किया जाता है।
    • सीधे हवा से कैप्चर करना (डायरेक्ट एयर कैप्चर- DAC): वातावरण से वायु को एक गैस ट्रैपिंग सिस्टम के माध्यम से गुजारा जाता है, जहां CO2 को शेष हवा से अलग किया जाता है और फिर उसका उपयोग या भंडारण कर लिया जाता है।
  • कार्बन उपयोग: एक बार कैप्चर होने के बाद, CO₂ का दो मुख्य तरीकों के माध्यम से उपयोग किया जा सकता है:
    • CO₂ का प्रत्यक्ष उपयोग और CO₂ से अन्य उत्पाद बनाना (चित्र देखें)
  • Tags :
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP)
  • CCU
  • कार्बन-नेगेटिव मिनिरलाइजेशन
Watch News Today
Subscribe for Premium Features