ये निर्देश यूनिफाइड लाइसेंस (UL) समझौते के अंतर्गत ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) सेवा के लिए जारी किए गए हैं।
- GMPCS लाइसेंस यूजर्स के लिए उपग्रहों के माध्यम से मोबाइल संचार सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है। इसका उपयोग खासतौर पर उन इलाकों में किया जा सकता है, जहां भूमि पर नेटवर्क की सुविधा नहीं है।
- इस सेवा का उपयोग विशेष रूप से दूरस्थ खनन, तेल और गैस क्षेत्रों तथा सैन्य एवं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में किया जाता है।
मुख्य सुरक्षा निर्देश
- सुरक्षा मंजूरी: लाइसेंसधारी को भारत के भीतर प्रत्येक गेटवे या हब स्पेस के लिए सुरक्षा मंजूरी लेना जरूरी है।
- स्थानीयकरण: नेटवर्क कंट्रोल और मॉनिटरिंग सेंटर की जरूरी सुविधाएं (जैसे वैध अवरोधन सुविधा, यूजर डेटा ट्रैफ़िक रूटिंग आदि) भारत में ही स्थित होनी चाहिए।
- प्रतिबंध: लाइसेंसधारी को अधिकार दिया गया है कि वह युद्ध या तनाव की स्थिति में किसी भी ग्राहक या भौगोलिक क्षेत्र में सेवा को बंद या प्रतिबंधित कर सकता है।
- विशेष निगरानी क्षेत्र (SMZs): अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किमी के भीतर के क्षेत्रों और 200 समुद्री मील तक के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) को निगरानी के लिए SMZs घोषित किया जाएगा।
- अनिवार्य स्वदेशी विनिर्माण: सैटेलाइट नेटवर्क के ग्राउंड सेगमेंट का कम-से-कम 20% हिस्सा पांच साल के भीतर भारत में ही निर्मित होना चाहिए।
- NavIC/ नाविक पोजिशनिंग सिस्टम प्रावधान: लाइसेंसधारी NavIC-आधारित पोजिशनिंग का प्रावधान सुनिश्चित कर सकते हैं।