DAP एकमुश्त विशेष पैकेज, पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) के अलावा दिया गया है।
- गौरतलब है कि जुलाई 2024 में, मंत्रिमंडल ने किसानों को कम कीमत पर DAP उपलब्ध कराने के लिए “DAP पर एकमुश्त विशेष पैकेज’ को मंजूरी दी थी।
- यह सहायता पैकेज 31 दिसंबर, 2024 तक के लिए था। अब इसे 1 जनवरी, 2025 से अगले आदेश तक जारी रखने को मंजूरी दी गई है।
DAP के बारे में
- यह सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले फास्फोरस उर्वरकों में से एक है। DAP, फसलों के लिए फास्फोरस (P) और नाइट्रोजन (N), दोनों का उपयुक्त स्रोत है।
- फास्फोरस पौधों की जड़ों के विकास, उनमें फूल लगने और बीज उत्पादन आदि के लिए आवश्यक है।
- इसका उत्पादन अनुकूल परिस्थितियों में अमोनिया के साथ फॉस्फोरिक एसिड की अभिक्रिया करके किया जाता है।
भारत में उर्वरक सब्सिडी

- सरकार यह सब्सिडी उर्वरक उत्पादकों, आयातकों और किसानों को देती है। सब्सिडी देने का उद्देश्य किसानों को कम कीमत पर उर्वरक उपलब्ध कराना, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना, आदि है।
- उर्वरक सब्सिडी के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं:
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सब्सिडी: इसके तहत केंद्र सरकार उर्वरक कंपनियों को अलग-अलग उर्वरक ग्रेड्स पर 100% सब्सिडी जारी करती है। आधार नंबर सत्यापन के बाद किसानों को वास्तविक मात्रा में बेचे गए उर्वरक के आधार पर कंपनियों को सब्सिडी जारी की जाती है।
- यूरिया सब्सिडी: इसके तहत वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर किसानों को यूरिया उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है।
- सरकार, यूरिया उत्पादन मूल्य और किसानों को बेचे गए अधिकतम खुदरा मूल्य के बीच का अंतर यूरिया उत्पादकों को प्रदान करती है।
- पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) नीति: फॉस्फेटिक और पोटाशिक (P&K) उर्वरकों के बाजार मूल्य नियंत्रण मुक्त हैं। उर्वरक उत्पादक उर्वरक का बिक्री मूल्य तय करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्हें उर्वरक उत्पादन में पोषक तत्व सामग्री के उपयोग के आधार पर वार्षिक या अर्धवार्षिक आधार पर सब्सिडी की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है।
भारत में रासायनिक उर्वरक की अधिक खपत को कम करने के लिए उठाए गए हालिया कदम
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