कैबिनेट ने प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है।
प्रमुख संशोधन जिन्हें मंजूरी प्रदान की गई है
- इन योजनाओं को 2025-26 तक जारी रखा जाएगा और इनके लिए कुल 69,515.71 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
- नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (FIAT) के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी को अपनाया जाएगा। इसके लिए कुल 824.77 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
- इस कोष का उपयोग प्रौद्योगिकी आधारित उपज आकलन प्रणाली (यस-टेक), मौसम की जानकारी और नेटवर्क डेटा सिस्टम (विंड्स) जैसी पहलों के वित्त-पोषण के लिए किया जाएगा।
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) के बारे में
- उद्देश्य: बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक न रोकी जा सकने वाले सभी प्राकृतिक जोखिमों के प्रति एक किफायती और व्यापक फसल बीमा कवर प्रदान करना।
- RWBCIS, बीमित किसानों को प्रतिकूल मौसम दशाओं जैसे कि वर्षा, चरम तापमान, तूफ़ान, आर्द्रता आदि से होने वाले नुकसान के खिलाफ बीमा कवर प्रदान करता है।
- PMFBY और RWBCIS में किसानों के बीमा दावों का आकलन करने की पद्धतियां अलग-अलग हैं।
- कवरेज: अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलें उगाने वाले बटाईदार और काश्तकार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के लिए पात्र हैं।
- कवर की गई फसलें: खाद्य फसलें (अनाज, मिलेट्स और दालें); तिलहन; वार्षिक वाणिज्यिक/ वार्षिक बागवानी फसलें; आदि।
- कवर किए गए जोखिम:
- बुनियादी कवर: फसल के नुकसान से होने वाले आर्थिक नुकसान से सुरक्षा।
- विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर अतिरिक्त कवर।
- फसल कटाई के बाद होने वाले आर्थिक नुकसान से सुरक्षा (कटाई के बाद अधिकतम 2 सप्ताह तक)।
- स्थानीय आपदाओं से होने वाले आर्थिक नुकसान से सुरक्षा, आदि।
- किसानों द्वारा देय प्रीमियम:
- खरीफ फसलों के लिए 2%;
- रबी फसलों के लिए 1.5%; और
- वाणिज्यिक बागवानी फसलों के लिए 5% निर्धारित है।
- इसमें क्या कवर नहीं होता है?
- युद्ध, परमाणु जोखिम तथा रोके जा सकने वाले अन्य जोखिमों से होने वाला आर्थिक नुकसान।
योजना के तहत प्रौद्योगिकी को अपनाने की दिशा में प्रमुख प्रयास
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