लीड्स रिपोर्ट 2024, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी की गई है और यह रिपोर्ट लीड्स सर्वेक्षण श्रृंखला का छठा संस्करण है।
लॉजिस्टिक्स ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (लीड्स/ LEADS) के बारे में

- उद्देश्य: राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार के बारे में जानकारी प्रदान करना।
- लीड्स को विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) की तर्ज पर 2018 में विकसित किया गया था।
- विश्व बैंक का LPI पूरी तरह से धारणा-आधारित सर्वेक्षणों पर निर्भर है। इसके विपरीत, लीड्स में धारणा के साथ-साथ वस्तुनिष्ठ माप (Objectivity) भी शामिल है।
- लीड्स को विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) की तर्ज पर 2018 में विकसित किया गया था।
- मापदंड: इसके तहत चार मुख्य आधारों पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है (इन्फोग्राफिक देखें)।
- राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणियां: इन्हें निम्नलिखित चार समूहों में वर्गीकृत किया गया है-
- तटीय, स्थल-रुद्ध, पूर्वोत्तर और केंद्र शासित प्रदेश।
- इसके अलावा प्रदर्शन के आधार पर इन्हें अचीवर्स, फास्ट मूवर्स और एस्पायरर्स का टैग प्रदान किया जाता है।
- 2024 में राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन-
- अचीवर्स: गुजरात, हरियाणा, असम, चंडीगढ़, आदि।
- फास्ट मूवर्स: आंध्र प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश आदि।
- एस्पायरर्स: केरल, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, छत्तीसगढ़, आदि।
लीड्स फ्रेमवर्कवाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक को लीड्स फ्रेमवर्क यानी लोंगेविटी, दक्षता एवं प्रभावशीलता, एक्सेसिबिलिटी व जवाबदेही तथा प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण को अपनाने का आग्रह किया है, ताकि लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक को नया रूप दिया जा सके।
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