नए सिल्वर नोटिस को प्रायोगिक चरण में जारी किया गया है। इसमें भारत सहित विश्व के 52 देश शामिल हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध से लड़ने में सहायता करेगा।
सिल्वर नोटिस के बारे में
- यह इंटरपोल के कलर-कोडेड नोटिसों के समूह में सबसे नया कलर-कोड है। इसे आपराधिक परिसंपत्तियों को लक्षित करने के लिए लाया गया है। (चित्र देखें)
- इससे अपराधियों की परिसंपत्ति, वाहन, वित्तीय खातों और व्यवसायों सहित शोधन की गई (Laundered) परिसंपत्तियों का पता लगाने, उनकी पहचान करने और उनके बारे में जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी।
- यह नोटिस सदस्यों को किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों, जैसे- धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, पर्यावरण अपराध आदि से जुड़ी परिसंपत्तियों के बारे में जानकारी मांगने में सहायता करेगा।
इंटरपोल के नोटिसों के बारे में
- ये सहयोग या अलर्ट के लिए अंतर्राष्ट्रीय अनुरोध हैं। ये सदस्य देशों की पुलिस को गंभीर अपराध से संबंधित जानकारी को साझा करने में सक्षम बनाते हैं।
- INTERPOL-UNSC स्पेशल नोटिस के अलावा 8 प्रकार के नोटिस होते हैं।
- जारीकर्ता: महासचिवालय।
- निम्नलिखित द्वारा नोटिस जारी करने का अनुरोध किया जा सकता है:
- इंटरपोल के सदस्य देश के नेशनल सेंट्रल ब्यूरो के अनुरोध पर;
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (नरसंहार, युद्ध अपराध एवं मानवता के विरुद्ध अपराधों के संबंध में) के अनुरोध पर; तथा
- संयुक्त राष्ट्र (सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कार्यान्वयन के लिए) के अनुरोध पर।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (International Criminal Police Organization- INTERPOL) के बारे में
- 1923 में ऑस्ट्रिया के वियना में द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस कांग्रेस का आयोजन किया गया था। इसी दौरान अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस आयोग (ICPC) के रूप में इंटरपोल की स्थापना की गई थी।
- यह एकमात्र ऐसा संगठन है, जिसके पास वैश्विक स्तर पर पुलिस सूचना साझा करने का अधिदेश और तकनीकी अवसंरचना है।
- भारत 1949 में इंटरपोल में शामिल हुआ था। CBI को ICPO-इंटरपोल के लिए भारत के नेशनल सेंट्रल ब्यूरो के रूप में नामित किया गया है।