Select Your Preferred Language

Please choose your language to continue.

ब्याज कवरेज अनुपात (ICR) | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

साथ ही खबरों में

Posted 11 Jan 2025

35 min read

ब्याज कवरेज अनुपात (ICR)

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों का ब्याज कवरेज अनुपात (ICR) 30 साल के उच्चतम स्तर पर है।

ब्याज कवरेज अनुपात (ICR) के बारे में

  • परिभाषा: यह एक वित्तीय अनुपात है, जो किसी फर्म की अपने बकाया ऋण को चुकाने की क्षमता को इंगित करता है।
  • ICR फॉर्मूला: कंपनी के परिचालन लाभ (ब्याज और कर से पहले की कमाई) को ब्याज व्यय (बांड, ऋण जैसे उधार पर देय ब्याज) से विभाजित किया जाता है।
  • इसका उपयोग ऋणदाताओं, लेनदारों और निवेशकों द्वारा किसी कंपनी को पूंजी उधार देने की जोखिमशीलता का निर्धारण करने के लिए किया जाता है।
  • यह फर्म के अल्पकालिक वित्तीय स्वास्थ्य और स्थिरता को दर्शाता है।
    • कम ICR ज्यादा ऋण और कंपनी के दिवालिया होने के अधिक जोखिम को इंगित करता है। इसके विपरीत अधिक ICR कम ऋण और कंपनी के दिवालिया होने के बहुत कम जोखिम को व्यक्त करता है।
  • Tags :
  • सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी
  • ब्याज कवरेज अनुपात
  • ICR

यू.एन. वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्टस, 2025 रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी प्रमुख रिपोर्ट वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्टस (WESP), 2025 जारी की है।

  • यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (UN-DESA) ने यूएन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (पूर्ववर्ती UNCTAD) और पांच संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय आयोगों के साथ साझेदारी में तैयार की है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • वैश्विक संवृद्धि में गिरावट: व्यापार तनाव, उच्च ऋण बोझ तथा भू-राजनीतिक जोखिमों ने आर्थिक संवृद्धि को धीमा किया है। वैश्विक मुद्रास्फीति में गिरावट और उदार मौद्रिक उपायों के बावजूद भी आर्थिक संवृद्धि धीमी रही है। इस मंदी के कारण सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति सुस्त हो गई है।
    • वैश्विक आर्थिक संवृद्धि 2025 में 2.8% और 2026 में 2.9% रहने का अनुमान है।
  • भारत-विशिष्ट निष्कर्ष
    • भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है।
    • भारतीय अर्थव्यवस्था के 2025 में 6.6% की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। इस वृद्धि के मुख्य चालक मजबूत निजी उपभोग और निवेश वृद्धि हैं।
    • भारतीय रिजर्व बैंक के 2024 के आंकड़ों के अनुसार मजबूत रोजगार संकेतकों के साथ भारत का श्रम बाजार मजबूत स्थिति में है। इसमें श्रम बल भागीदारी रिकॉर्ड ऊंचाई पर है।
  • Tags :
  • यू.एन. वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्टस
  • UN-DESA
  • संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग

पनडुब्बी वाग्शीर

प्रोजेक्ट पी-75 की छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी वाग्शीर भारतीय नौसेना को सौंपी गई।

वाग्शीर के बारे में

  • इसका नाम सैंड फिश के नाम पर रखा गया है, जो हिंद महासागर में गहराई में पाई जाने वाली समुद्री शिकारी मछली है।
  • यह 6 कलवरी श्रेणी की स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की श्रृंखला में से अंतिम है।
    • इस वर्ग की अन्य पांच पनडुब्बियां कलवरी, खंडेरी, करंज, वेला और वागीर हैं।

प्रोजेक्ट पी-75 के बारे में 

  • इस परियोजना के अंतर्गत भारत फ्रांसीसी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है।
    • इनमें डीजल-इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली है।
  • पनडुब्बियों को स्वदेशी रूप से विकसित एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) प्रणाली से सुसज्जित किया जाएगा ।
    • AIP प्रणाली गैर-परमाणु पनडुब्बियों को लंबे समय तक पानी में रहने में सक्षम बनाती है।
  • Tags :
  • पनडुब्बी वाग्शीर
  • प्रोजेक्ट पी-75
  • स्कॉर्पीन पनडुब्बियों

कंडक्टिव इंक

सिल्वर नैनोवायर-आधारित कंडक्टिव इंक प्रौद्योगिकी हाल ही में दो भारतीय स्टार्ट-अप्स को हस्तांतरित की गई है।

कंडक्टिव इंक के बारे में

  • यह एक पेंट है, जिसमें चांदी या कार्बन कण होते हैं। ये कण इसे विद्युत का सुचालक बनाते हैं।
  • पारंपरिक सर्किट्स में जहां कंपोनेंट्स को जोड़ने के लिए तांबे (कॉपर) की तारों का इस्तेमाल होता है, वहीं कंडक्टिव इंक से इलेक्ट्रिकल सर्किट को सीधे सर्फेस/ सर्किट बोर्ड पर प्रिंट किया जा सकता है।  

महत्वपूर्ण उपयोग

  • कंडक्टिव इंक का उपयोग सर्किट बोर्ड पर खराब परिपथों को ठीक करने या उन्हें बेहतर करने के लिए किया जा सकता है।
  • यह इंक फोल्डेबल स्क्रीन, कीबोर्ड, और डीफ़्रॉस्टर जैसे लचीले व हल्के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों में उपयोग होती है।
  • इसका उपयोग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग,  धारण करने योग्य डिवाइस, सेंसर्स, डिस्प्ले और सौर पैनल्स में किया जा सकता है।
  • यह इंक स्पर्श/ टच से संचालित इंटरएक्टिव मार्केटिंग और साइनेज में भी उपयोगी हो सकती है। 
  • Tags :
  • कंडक्टिव इंक
  • सिल्वर नैनोवायर
  • रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन

नैनो बबल तकनीक

केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के पानी को साफ और शुद्ध करने के लिए 'नैनो बबल तकनीक' का शुभारंभ किया।

नैनो बबल तकनीक के बारे में

  • नैनोबबल्स: इनका आकार 70-120 नैनोमीटर होता है, जो नमक के एक दाने से 2500 गुना छोटा होता है।
    • नैनोबबल्स की सतह पर एक मजबूत ऋणात्मक आवेश होता है, जो उन्हें एक साथ जुड़ने से रोकता है और
      • यह जल से पायसीकृत वसा, तेल और ग्रीस जैसे छोटे कणों एवं ड्रॉप्लेट्स को भौतिक रूप से अलग करने में मदद करता है।
    • नैनोबबल्स की हाइड्रोफोबिक प्रकृति और उसकी सतह पर मौजूद आवेश मिलकर सर्फेक्टेंट के समान कार्य करते हुए जल से कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थों को हटाते हैं।
  • Tags :
  • नैनो बबल तकनीक
  • नैनोबबल्स
  • हाइड्रोफोबिक प्रकृति

ग्रेविटेशनल लेंसिंग (GL)

यूनाइटेड किंगडम के डरहम यूनिवर्सिटी के भौतिकविदों ने ग्रेविटेशनल लेंसिंग (GL) का उपयोग करके आकाशगंगाओं के एक समूह के पीछे स्थित 44 से अधिक अब तक अज्ञात सितारों की खोज की है।

ग्रेविटेशनल लेंसिंग (GL) के बारे में

  • यह तब घटित होती है, जब अंतरिक्ष में पृथ्वी की लाइन ऑफ़ साईट में मौजूद अत्यंत विशाल ऑब्जेक्ट (जैसे आकाशगंगा या क्वासर) उसके पीछे स्थित ऑब्जेक्ट्स से आने वाले प्रकाश को मोड़ते हुए संवर्धित कर देता है। यह परिघटना कॉस्मिक टेलिस्कोप की तरह कार्य करती हैं और पृथ्वी से अत्यंत दूर स्थित आकाशगंगाओं से आने वाले प्रकाश को और अधिक प्रकाशमान कर देती है।
  • ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि विशाल द्रव्यमान वाला ऑब्जेक्ट स्पेस-टाइम को मोड़ देता है, जिसके कारण प्रकाश एक घुमावदार पथ के साथ आगे बढ़ता है 
    • आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के अनुसार, द्रव्यमान के कारण स्पेस-टाइम में मोड़ या वक्र उत्पन्न होते हैं तथा प्रकाश स्पेसटाइम की इस वक्रता का अनुसरण करता है।
  • ग्रेविटेशनल लेंसिंग से प्रकाश का संवर्धन होता है, जिससे हम अंतरिक्ष में दूर स्थित धुंधले ऑब्जेक्ट्स को भी देख सकते हैं। हबल स्पेस टेलीस्कोप इस प्रभाव का उपयोग दूरस्थ आकाशगंगाओं का अध्ययन करने के लिए करता है।
  • Tags :
  • ग्रेविटेशनल लेंसिंग (GL)
  • स्पेस-टाइम

राखीगढ़ी

राखीगढ़ी में पुरातत्वविदों ने सटीक इंजीनियरिंग के साथ 'परिपक्व हड़प्पा' चरण का मिट्टी की ईंटों से बना स्टेडियम और बाजार खोजा है।

  • स्टेडियम में एक बैठने का क्षेत्र है, जो खेल को देखने के लिए उपयुक्त ढलान के अनुसार बना है। यह उस समय की खेल संस्कृति को उजागर करता है ।

राखीगढ़ी के बारे में

  • यह सबसे बड़े और सबसे पुराने ज्ञात हड़प्पा स्थलों में से एक है।
  • यह हरियाणा के हिसार जिले में घग्गर-हकरा नदी के मैदान में स्थित है।
  • राखीगढ़ी में हड़प्पा सभ्यता के प्रारंभिक, परिपक्व और उत्तरकालीन तीन चरणों के अवशेष पाए गए हैं।
  • यहां से हड़प्पा युग का एकमात्र DNA साक्ष्य मिला है।
  • Tags :
  • हड़प्पा सभ्यता
  • राखीगढ़ी
  • परिपक्व हड़प्पा
Watch News Today
Subscribe for Premium Features