भारत “आधिकारिक सांख्यिकी के लिए बिग डेटा और डेटा साइंस पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समिति (UN-CEBD)” में शामिल हुआ | Current Affairs | Vision IAS
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भारत “आधिकारिक सांख्यिकी के लिए बिग डेटा और डेटा साइंस पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समिति (UN-CEBD)” में शामिल हुआ

Posted 13 Jan 2025

16 min read

यह कदम सांख्यिकी आधारित आकड़ों की प्राप्ति में क्रांति लाने तथा डेटा व प्रौद्योगिकी का उपयोग करके तथ्य एवं आकड़ों पर आधारित निर्णय लेने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत के लिए UN-CEBD में शामिल होने का महत्व

  • रणनीतिक अवसर: यह कदम भारत को देश के भीतर की गई प्रगति को अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप रखने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह विश्व की सर्वोत्तम पद्धतियों से सीखने का अवसर भी प्रदान करेगा। 
  • सांख्यिकी आधारित आकड़ों को सुव्यवस्थित करना: इससे डेटा प्राप्ति, प्रोसेसिंग और विश्लेषण में इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। 
  • निर्णय लेने में सुधार: इससे नीति निर्माताओं को रियल टाइम जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिससे वे साक्ष्य-आधारित निर्णय ले सकेंगे। इससे बड़ी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी। 

बिग डेटा के बारे में

  • परिभाषा: बिग डेटा टर्म का उपयोग डेटा के बड़े, विविध और जटिल समूहों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। इन्हें प्रभावी तरीके से प्रबंधित करने एवं उनसे आवश्यक जानकारी और अप्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करने के लिए नई प्रणाली, विधियों, एल्गोरिदम और विश्लेषण की आवश्यकता होती है। 
  • बिग डेटा में निम्नलिखित शामिल हैं: 
    • स्ट्रक्चर्ड डेटा: इन्वेंट्री संबंधी डेटाबेस और वित्तीय लेनदेन की सूची; 
    • अन-स्ट्रक्चर्ड डेटा: सोशल मीडिया पर अपलोड की गई पोस्ट या वीडियो;
    • मिक्स्ड डेटा सेट: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए लार्ज लैंग्वेज मॉडल को प्रशिक्षित करने हेतु उपयोग किया जाने वाला डेटा। 
  • बिग डेटा की विशेषताएं:  
    • मात्रा (Volume): डेटा की विशाल मात्रा।
    • विविधता (Variety): डेटा के अलग-अलग प्रकार।
    • परिवर्तनशील (Velocity): डेटा में तेजी से बदलाव।
    • सत्यता (Veracity): डेटा में अस्थिरता और अपूर्णता।

अलग-अलग क्षेत्रकों में बिग डेटा के उपयोग 

  • स्वास्थ्य देखभाल: इससे पर्सनलाइज्ड मेडिसिन, क्लिनिकल जोखिम प्रबंधन, रोग की पहचान और असरदार दवाओं की सिफारिशें करने, आदि में मदद मिलती है। 
  • लॉजिस्टिक्स और परिवहन: इससे सक्रिय और प्रतिक्रियात्मक क्षमताओं को बढ़ावा देकर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया जा सकता है। 
  • मार्केटिंग और विज्ञापन: इससे वास्तविक उपभोक्ताओं को पहचानने, बाजार में मांग का विश्लेषण करने, ग्राहक की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं को समझने में मदद मिल सकती है।
  • स्मार्ट शहर: इसका उपयोग शहरों में संसाधनों के प्रबंधन के साथ-साथ अवसंरचना विकास की बेहतर योजना बनाने में किया जा सकता है। साथ ही, शहरों की चुनौतियों का AI-आधारित समाधान उपलब्ध कराने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
  • शिक्षा: इसकी मदद से पर्सनलाइज़्ड लर्निंग को बढ़ावा दिया जा सकता है और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है। 
  • पृथ्वी विज्ञान: इसका उपयोग जलवायु और पृथ्वी की प्रणालियों के अध्ययन तथा मौसम की मॉडलिंग एवं पूर्वानुमान में किया जा सकता है।

आधिकारिक सांख्यिकी के लिए बिग डेटा और डेटा साइंस पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समिति (UN-CEBD) के बारे में 

  • स्थापना: इसकी स्थापना 2014 में हुई थी। इसका प्रथम अध्यक्ष ऑस्ट्रेलिया था। 
  • उद्देश्य: ‘सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा’ के संकेतकों सहित आधिकारिक आंकड़ों के लिए बिग डेटा संबंधी ग्लोबल प्रोग्राम्स हेतु रणनीतिक नजरिया, दिशा और समन्वय प्रदान करना। 
  • सदस्य: इसमें भारत सहित 31 सदस्य देश और 16 अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हैं।  
  • Tags :
  • UN-CEBD
  • बिग डेटा
  • राष्ट्रीय डेटा और विश्लेषण प्लेटफ़ॉर्म (NDAP)
  • बिग डेटा पहल (BDI)
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