पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भारत के लिए अपनी “सॉवरेन-AI” रणनीति बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक हितों और राष्ट्रीय सुरक्षा पर AI के प्रभावों के मद्देनजर देश में ही AI की क्षमताओं को विकसित, नियंत्रित और उपयोग किया जाना चाहिए।
सॉवरेन AI क्या है?
- इसे मोटे तौर पर AI प्रौद्योगिकियों और इससे संबंधित डेटा के मामले में देश की अपनी क्षमताओं एवं उस पर देश के नियंत्रण के रूप में समझा जा सकता है।
- आम तौर पर इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- AI तकनीकों को कैसे तैनात और संचालित किया जाता है,
- AI तकनीकों को चलाने और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नीतियों एवं सक्षम कर्मचारी का उपयोग करने संबंधी रणनीतियां।
- आम तौर पर इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- भारत के लिए प्रस्तावित AI रणनीति
- गवर्मेंट AI + प्राइवेट AI = सॉवरेन AI
- गवर्मेंट AI (GovAI) का आशय गवर्नेंस हेतु AI प्रौद्योगिकियों के उपयोग से है। जैसे; सार्वजनिक सेवाओं को जनता तक पहुंचाने में।
- गवर्मेंट AI को मौजूदा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के आधार पर विकसित कर लागू किया जा सकता है। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में डिजिटल भुगतान, बीमा, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कौशल विकास आदि शामिल हैं। इन DPIs के पास विशाल डेटा भंडार है। इस विशाल डेटा भंडार का उपयोग AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए सहमति प्राप्त व्यक्तिगत डेटा या गैर-व्यक्तिगत प्रशिक्षण डेटा के रूप में किया जा सकता है।
भारत के लिए सॉवरेन AI का महत्व
- रणनीतिक:
- भारत द्वारा अपनी AI क्षमताओं का विकास बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच देश के आर्थिक हितों की सुरक्षा कर सकता है।
- इसके अलावा, यह अन्य देशों द्वारा AI प्रौद्योगिकी देने से मना करने या AI के रणनीतिक हथियार के रूप में उपयोग करने जैसे खतरों से बचाने में मदद करेगा।
- आर्थिक: इससे भारतीय इनोवेटर्स और उद्यमियों को बिग टेक मॉडल्स एवं प्लेटफॉर्म्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा।
सॉवरेन AI के लिए भारत की पहलें
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