दांपत्य अधिकार (Conjugal Rights)
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि दांपत्य या वैवाहिक जीवन में लौटने का अधिकार और भरण-पोषण के अधिकार पर न्यायिक कार्यवाहियां एक-दूसरे से पूरी तरह से अलग-अलग हैं।
‘दांपत्य अधिकार’ के बारे में
- दांपत्य अधिकार वास्तव में विवाह संस्था द्वारा प्रदत अधिकार हैं। इनमें साथ रहने का अधिकार; पति या पत्नी का अपने जीवनसाथी के समाज के साथ सौहार्द में रहने का अधिकार आदि शामिल हैं।
- कानून इन अधिकारों को मान्यता देता है। जैसे कि- विवाह, तलाक आदि से संबंधित पर्सनल लॉ के तहत तथा दंड विधि के तहत जीवनसाथी को भरण-पोषण और गुजारा भत्ता देने की आवश्यकता के अधिकार।
- हिंदू विवाह अधिनियम, 1955: यह दांपत्य अधिकारों से संबंधित है। इसके अनुसार यदि पति या पत्नी बिना किसी उचित कारण के एक-दूसरे के साथ रहना छोड़ देता/ देती है, तो पीड़ित पक्ष दांपत्य अधिकारों की पुनर्बहाली के लिए अदालत की शरण ले सकता है।
- मुस्लिम पर्सनल लॉ और ईसाई पारिवारिक कानून पर तलाक अधिनियम, 1869 में भी इसी तरह के प्रावधान मौजूद हैं।
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- भरण-पोषण
फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन- ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP)
हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री ने देश के सात प्रमुख हवाई अड्डों पर फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन- ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP) लॉन्च किया।
- इन हवाई अड्डों में मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि और अहमदाबाद शामिल हैं।
FTI-TTP के बारे में
- यह भारत सरकार के ‘विकसित भारत@2047 विज़न’ का हिस्सा है।
- नोडल मंत्रालय: केंद्रीय गृह मंत्रालय।
- नोडल एजेंसी: इमिग्रेशन ब्यूरो।
- उद्देश्य: इलेक्ट्रॉनिक गेट के माध्यम से इमिग्रेशन क्लीयरेंस प्रक्रिया को तेज करना।
- इस योजना को दो चरणों में लागू किया जा रहा है:
- पहले चरण में, भारतीय नागरिक और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारक शामिल हैं।
- दूसरे चरण में, भारत आने वाले विदेशी यात्रियों को कवर किया जाएगा।
- कवर किए जाने वाले हवाई अड्डे: 21 प्रमुख हवाई अड्डे।
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- FTI-TTP
- विकसित भारत@2047
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट
यह रिपोर्ट विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने जारी की है। इस रिपोर्ट में आर्थिक, पर्यावरण, भू-राजनीतिक और तकनीकी क्षेत्रकों से जुड़े वैश्विक जोखिमों को वर्गीकृत किया गया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:
- इन जोखिमों का मूल्यांकन अल्पकालिक (1-2 वर्ष) और दीर्घकालिक (10 वर्ष), दोनों आधारों पर किया गया है। इससे नीति निर्माताओं को तात्कालिक और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन मिल सकेगा।
- अल्पकालिक जोखिम: तीन सबसे बड़े जोखिम हैं- दुष्प्रचार (Disinformation) और भ्रामक सूचना का प्रसार (Misinformation), चरम मौसम की घटनाएं तथा राज्य समर्थित सशस्त्र संघर्ष।
- दुष्प्रचार के तहत गलत सूचना जानबूझकर फैलाई जाती है।
- भ्रामक सूचना के तहत अनजाने में गलत सूचना फैलाई जाती है।
- दीर्घकालिक जोखिम: तीन सबसे बड़े जोखिम हैं-
- चरम मौसम की घटनाएं; जैव विविधता को नुकसान; पारिस्थितिकी-तंत्र का विघटन तथा पृथ्वी की प्रणालियों में व्यापक बदलाव।
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- विश्व आर्थिक मंच
- ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट
वेतन आयोग (Pay Commission)
केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है।
वेतन आयोग के बारे में
- गठन: केंद्र सरकार द्वारा।
- 1947 से अब तक सात वेतन आयोग गठित किए जा चुके हैं।
- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। इसका कार्यकाल 2026 में पूरा होने वाला है।
- सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर थे।
- महत्त्व: इसकी सिफारिशें सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन ग्रेड, भत्ते और अन्य लाभ निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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मूसी नदी (Musi River)
मूसी नदी के किनारे की ऐतिहासिक इमारतों को ‘वर्ल्ड मॉन्यूमेंट वॉच 2025’ में शामिल किया गया है।
- ‘वर्ल्ड मॉन्यूमेंट वॉच’ दो वर्षों पर आयोजित होने वाला कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण के लिए जागरूकता और सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देना है।
मूसी नदी के बारे में
- उद्गम: तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में अनंतगिरि की पहाड़ियों से।
- यह कृष्णा नदी की बड़ी सहायक नदियों में से एक है।
- इस नदी पर उस्मानसागर और हिमायतसागर जलाशयों का निर्माण किया गया है।
- ईसी (8 किलोमीटर) और मूसा (13 किलोमीटर) नामक दो नदिकाएं (Rivulets) मिलकर मूसी नदी का निर्माण करती हैं।
- महत्त्व: यह नदी हैदराबाद शहर के लिए जल का प्रमुख स्रोत है।
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- वर्ल्ड मॉन्यूमेंट वॉच 2025
पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ESZ)
हाल ही में, कर्नाटक कैबिनेट उप-समिति ने चार वन क्षेत्रों को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) घोषित करने की मंजूरी प्रदान की है।
- इनमें भद्रा वन्यजीव अभयारण्य, बांकापुरा भेड़िया अभयारण्य, उत्तरागुड्डा वन्यजीव अभयारण्य और अरसीकेरे भालू अभयारण्य शामिल हैं।
पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) के बारे में
- ये क्षेत्र विशिष्ट पर्यावरणीय संसाधनों से संपन्न होते हैं, जिनके लिए विशेष संरक्षण की आवश्यकता होती है। ESZ की परिभाषा राष्ट्रीय पर्यावरण नीति (2006) में दी गई है।
- कोई राज्य पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के 2011 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ESZ का प्रस्ताव कर सकता है।
- ESZ में स्थानीय गतिविधियां (जैसे कृषि और निर्माण कार्य) विनियमित की जाती हैं, लेकिन जब तक विशेष रूप से प्रतिबंध न हो, इन्हें पूरी तरह नहीं रोका जाता है।
- महत्त्व:
- ये संरक्षित क्षेत्रों या अन्य प्राकृतिक स्थलों जैसे विशिष्ट पारिस्थितिकी-तंत्रों के लिए "शॉक अब्जॉर्बर" के रूप में कार्य करते हैं।
- ये उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों से कम सुरक्षा वाले क्षेत्रों में संक्रमण क्षेत्र के रूप में कार्य करते हैं।
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- ESZ
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- राष्ट्रीय पर्यावरण नीति
ऑलिव रिडले कछुए
ऑलिव रिडले कछुओं की मौतों में हुई वृद्धि के मद्देनजर तमिलनाडु के मुख्य सचिव एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे।
ऑलिव रिडले कछुओं के बारे में
- इनका नाम इनके जैतून जैसे हरे रंग और दिल के आकार के खोल से प्रेरित है।
- यह समुद्री कछुओं की सबसे छोटी और सबसे प्रचुर मात्रा में पाई जाने वाली प्रजातियों में से एक है। यह प्रजाति मुख्य रूप से प्रशांत, हिन्द और अटलांटिक महासागरों के गर्म जल में पाई जाती है।
- यह प्रजाति अरिबादा नामक अपनी सामूहिक नेस्टिंग के लिए जानी जाती है। इस दौरान हजारों मादाएं एक साथ एक ही समुद्र तट पर अंडे देने आती हैं।
- आहार संबंधी विशेषताएं: यह मांसाहारी प्रजाति है। मुख्य रूप से जेलीफ़िश, झींगा, घोंघे, केकड़े, मोलस्क और अलग-अलग प्रकार की मछलियां व उनके अंडे खाती हैं।
- खतरे: मछली पकड़ने की दोषपूर्ण प्रथाएं; पर्यटन केंद्रों और बंदरगाहों के निर्माण से उनके घोंसले वाले क्षेत्रों का नुकसान।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN लाल सूची: वल्नरेबल।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972: अनुसूची-1 में सूचीबद्ध
- CITES: परिशिष्ट-1 में सूचीबद्ध।
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- ऑलिव रिडले कछुए
- अरिबादा
- सामूहिक नेस्टिंग
ग्लेन रॉकेट
- ब्लू ओरिजिन का विशाल न्यू ग्लेन रॉकेट अपने पहले अंतरिक्ष मिशन (NG-1) के लिए फ्लोरिडा से लॉन्च किया गया।
- मिशन का लक्ष्य: ब्लू रिंग पाथफाइंडर परीक्षण उपग्रह को कक्षा में स्थापित करना और रॉकेट के बूस्टर को अटलांटिक महासागर में एक ड्रोन जहाज पर उतारना।
- यह मिशन रॉकेट की पुन: प्रयोज्यता को भी प्रदर्शित करेगा। पुन: प्रयोज्यता तकनीक लॉन्च लागत को कम करने और मिशन की दक्षता बढ़ाने में सहायक होती है।
- ब्लू ओरिजिन एक निजी कंपनी है, जिसकी स्थापना जेफ बेंजोस ने वर्ष 2000 में की थी।
अन्य प्रमुख वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्यम और उनके रॉकेट
- स्पेसएक्स: फाल्कन9, स्टारशिप आदि।
- यूनाइटेड लॉन्च व्हीकल (ULA): एटलस V, डेल्टा IV, और वल्कन सेंटौर।
- अग्निकुल कॉसमॉस: अग्निबाण SOrTeD आदि।
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- ग्लेन रॉकेट
- NG-1
- ब्लू ओरिजिन