स्पेस डॉकिंग को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पेडेक्स/SpaDeX) मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यानों- SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट) का उपयोग करके संपन्न किया गया है।
गौरतलब है कि स्पेस डॉकिंग के तहत अंतरिक्ष में तेज गति से गतिमान दो उपग्रहों या अंतरिक्ष यानों को आपस में जोड़ा जाता है, जिससे वे एक यूनिट बन जाते हैं।
- स्पेस डॉकिंग करने वाले अन्य तीन देश संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन हैं।
स्पेडेक्स (SpaDeX) मिशन के बारे में
- पृष्ठभूमि: SpaDeX और 24 PS4-ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल (POEM-4) पेलोड्स को ISRO द्वारा PSLV-C60 के माध्यम से दिसंबर, 2024 में श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था।
- मिशन के लक्ष्य:
- SDX01 (चेज़र) को SDX02 (टारगेट) के पास लाना और स्वतः संचालित डॉकिंग प्रौद्योगिकी का विकास एवं प्रदर्शन करना।
- डॉकिंग के बाद, एक संयुक्त सिस्टम की स्थिरता और इसे एक इकाई के रूप में नियंत्रित करने की क्षमता का परीक्षण करना।
- टारगेट अंतरिक्ष यान की कार्य अवधि को बढ़ाने की क्षमता का प्रदर्शन करना।
- डॉक किए गए अंतरिक्ष यानों के मध्य पावर ट्रांसफर का परीक्षण करना।
- मिशन की अवधि: डॉकिंग संपन्न होने के बाद दो वर्ष तक।
- स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का उपयोग:
- अंतरिक्ष यानों के बीच स्वतः संचालित संचार के लिए इंटर-सैटेलाइट कम्युनिकेशन लिंक (ISL) का उपयोग किया गया है।
- ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित नवीन रिलेटिव ऑर्बिट डिटर्मिनेशन एंड प्रोपेगेशन (RODP) प्रोसेसर: इसका उपयोग अन्य अंतरिक्ष यान की सापेक्ष अवस्थिति और वेग निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
- इस मिशन को सक्षम करने के लिए विकसित अन्य स्वदेशी प्रौद्योगिकियां:
- डॉकिंग मैकेनिज्म और सेंसर सूट;
- स्वतः संचालित तरीके से दूसरे अंतरिक्ष यान के पास आना और उससे सटीकता के साथ जुड़ जाना (ऑटोनोमस रेंडेज़वस एंड डॉकिंग स्ट्रेटेजी), आदि।
स्पेडेक्स मिशन का महत्त्व
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