निर्वाचन आयोग द्वारा जारी इन सलाहों से मतदाताओं को पता चल सकेगा कि राजनीतिक दलों द्वारा प्रचार किए जा रहे कौन से कंटेंट AI से सृजित हैं या सिंथेटिक (कृत्रिम) हैं। इन सलाहों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- AI/ सिंथेटिक रूप से तैयार कंटेंट को लेबल करना: ऐसी कोई भी इमेज, वीडियो, ऑडियो या अन्य कंटेंट जो AI प्रौद्योगिकियों के उपयोग से तैयार किए गए हों या उनमें व्यापक बदलाव किए गए हों, उन्हें स्पष्ट रूप से लेबल किया जाए।
- प्रचार सामग्री में प्रकटीकरण (Disclosure): जहां भी सिंथेटिक कंटेंट का उपयोग किया गया हो, वहां डिस्क्लेमर देना अनिवार्य होगा।
अन्य संबंधित घटनाक्रम:
- दिल्ली पुलिस ने AI के संभावित दुरुपयोग पर नजर रखने हेतु दिल्ली विधान सभा चुनाव पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। यह अधिकारी चुनाव से जुड़े सोशल मीडिया पोस्ट पर नजर रखेगा।
चुनावों में AI का प्रभाव

चुनाव में AI के प्रभाव को कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदम
- सोशल मीडिया में AI के उपयोग से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और चुनावों पर प्रभाव का आकलन एवं शोध करना चाहिए।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा जवाबदेही और पारदर्शिता संबंधी दायित्वों के तहत किए गए दावों को सत्यापित करना चाहिए।
- नुकसान पहुंचाने वाले कंटेंट का पता लगाने और इसके लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु विनियमित एल्गोरिदम फ़िल्टर बनाने चाहिए।
- लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए AI के उपयोग पर वैश्विक मानक स्थापित करने चाहिए।