यह अध्ययन फ़ूड सिस्टम कांटडाउन इनिशिएटिव द्वारा FAO, ग्लोबल अलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रिशन आदि सहित वैश्विक विशेषज्ञों/ संगठनों के सहयोग से किया गया है। इस अध्ययन का शीर्षक “गवर्नेंस एंड रेजिलिएंस एज एंट्री पॉइंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग फ़ूड सिस्टम्स इन काउंटडाउन टू 2030” है।
- इसमें निम्नलिखित पांच थीम्स के तहत 42 वैश्विक खाद्य प्रणाली संकेतकों को ट्रैक किया गया है:
- आहार, पोषण एवं स्वास्थ्य;
- पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन एवं उत्पादन;
- आजीविका, गरीबी एवं समानता;
- रेजिलिएंस यानी लचीलापन; और
- गवर्नेंस
इस अध्ययन के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- 20 संकेतक सकारात्मक बदलावों को दर्शाते हैं, जैसे- सुरक्षित जल की उपलब्धता, सब्जियों की उपलब्धता में वृद्धि, पौधों और पशुओं से संबंधित आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण, आदि।
- 7 संकेतक काफी नकारात्मक बदलावों को दर्शाते हैं, जैसे- खाद्य पदार्थों के मूल्य में अस्थिरता, सरकार की जवाबदेही में कमी, नागरिक समाज की भागीदारी में कमी, आदि।
- 15 संकेतक कोई परिवर्तन नहीं (अवांछनीय) दर्शाते हैं, जैसे- अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की बिक्री, खाद्य प्रणालियों से उत्सर्जन, कृषि हेतु जल का दोहन आदि।
- गवर्नेंस (सूचना तक सार्वजनिक पहुंच, आदि) और रेजिलिएंस से जुड़े संकेतक (खाद्य पदार्थ के मूल्य में अस्थिरता, आदि) खाद्य प्रणाली में परिवर्तन को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
खाद्य प्रणाली के बारे में
- परिभाषा: खाद्य प्रणाली उन सभी कारकों और गतिविधियों की एक श्रृंखला है, जिसमें कृषि, वानिकी या मत्स्य पालन से प्राप्त खाद्य उत्पादों का उत्पादन, प्रसंस्करण, वितरण, उपभोग और निपटान शामिल होता है।
- खाद्य प्रणाली के समक्ष चुनौतियां:
- सुरक्षित, पौष्टिक और किफायती आहार तक पहुंच की कमी;
- भू-राजनीतिक समस्याओं के चलते आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाधा;
- जलवायु परिवर्तन के कारण कीटों के हमले में वृद्धि;
- फसल उत्पादकता में कमी; आदि।
