अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने ‘परमाणु ऊर्जा का एक नया युग’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने ‘परमाणु ऊर्जा का एक नया युग’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की

Posted 20 Jan 2025

17 min read

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के बारे में 

  • IEA एक स्वायत्त संगठन है। इसकी स्थापना 1974 में की गई थी, ताकि कच्चे तेल की आपूर्ति में आई बाधाओं को सामूहिक प्रयासों से दूर किया जा सके। 
  • इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है।  
  • IEA के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं- ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना; ऊर्जा से जुड़े अन्य सभी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और डीकार्बोनाइजेशन; ऊर्जा पहुंच और दक्षता; निवेश और नवाचार; विश्वसनीय, वहनीय और संधारणीय ऊर्जा प्रणाली सुनिश्चित करना; आदि। 

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र

  • परमाणु ऊर्जा की बढ़ती स्वीकृति: विश्व के 40 से अधिक देशों ने अपने ऊर्जा स्रोतों में परमाणु ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना बनाई है।
  • स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) की स्थापना: वर्ष 2040 तक SMRs की स्थापित क्षमता 80 गीगावॉट तक पहुंचने की संभावना है, जो वैश्विक स्तर पर परमाणु ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता की 10% होगी।
  • वार्षिक निवेश में वृद्धि: 2030 तक परमाणु ऊर्जा में वार्षिक निवेश दोगुना होकर 120 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • परमाणु ऊर्जा बाजार के मामले में उभरती अग्रणी अर्थव्यवस्थाएं: 2024 के अंत तक 63 परमाणु रिएक्टर्स निर्माणाधीन थे, जिनमें से तीन-चौथाई रिएक्टर्स उभरती अर्थव्यवस्थाओं में स्थित हैं।  कुल निर्माणाधीन रिएक्टर्स में आधे रिएक्टर्स चीन में हैं।   

परमाणु ऊर्जा का महत्व

  • ऊर्जा सुरक्षा: 2023 में वैश्विक स्तर पर बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा का योगदान 9% था।
  • कम-उत्सर्जन स्रोत: 2023 में कम कार्बन उत्सर्जन करने वाले विद्युत उत्पादन स्रोतों में परमाणु ऊर्जा दूसरे स्थान पर थी, जबकि इस मामले में जलविद्युत पहले स्थान पर है।
  • हीटिंग का स्रोत: परमाणु रिएक्टर्स से तापीय ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है, साथ ही बिजली उत्पादन भी होता है। इस प्रकार, परमाणु ऊर्जा दोहरे लाभ प्रदान करती है।
    • परमाणु रिएक्टर्स से प्राप्त तापीय ऊर्जा का उपयोग पानी को उबालने और भाप बनाने के लिए किया जाता है। फिर इसका उपयोग टर्बाइनों को चलाने और बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।  
  • विकासशील देशों में अवसर: 2023 में विकासशील देशों में कुल बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा की केवल 5% हिस्सेदारी थी, जबकि विकसित देशों में इसकी हिस्सेदारी 17% थी। इस तरह विकासशील देशों में परमाणु ऊर्जा की अधिक संभावनाएं हैं।   

परमाणु ऊर्जा से जुड़ी चुनौतियां

  • सेफ्टी और सिक्योरिटी: 2011 के ग्रेट ईस्ट जापान भूकंप के दौरान फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा रिएक्टर में दुर्घटना हुई थी। इसके कारण परमाणु ऊर्जा को लेकर विश्वभर में चिंताएं बढ़ी हैं। 
  • अन्य चिंताएं:
    • परमाणु ऊर्जा रिएक्टर के निर्माण में अधिक लागत आती है और इसके लिए आवश्यक फंड जुटाने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 
    • परमाणु संयंत्रों को बंद करने और रेडियोएक्टिव पदार्थों के निपटान में भी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

रिपोर्ट में की गई मुख्य सिफारिशें

  • परमाणु ऊर्जा रिएक्टर के परिचालन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने और उन्हें प्रभावी बनाने की जरूरत है।
  • परमाणु ऊर्जा के लिए आवश्यक फंड जुटाने हेतु निजी क्षेत्रक से निवेश बढ़ाना चाहिए, ग्रीन बॉण्ड जारी करने चाहिए तथा ग्रीन डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स की संभावना तलाशनी चाहिए।
  • परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं को पर्यावरण अनुकूल बनाने और संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विनियमन में सुधार करना चाहिए।
  • Tags :
  • परमाणु ऊर्जा
  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी
  • IEA
  • ग्रीन बॉण्ड
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