ASER बच्चों की स्कूली शिक्षा और सीखने की स्थिति का एक राष्ट्रव्यापी ग्रामीण परिवार-आधारित सर्वेक्षण है। यह निम्नलिखित का परीक्षण करती है-
- 3-16 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति; तथा
- 5-16 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों की सरल पठन सामग्री को पढ़ने और बुनियादी अंकगणितीय क्षमता का परीक्षण।
ASER सर्वेक्षण 2005 से 2014 तक प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता था। 2014 के बाद से यह एक साल के अंतराल पर आयोजित किया जाता रहा है।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- सीखने में मौजूदा अंतराल का कम होना: ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा 3 और 5 के छात्रों के बीच बुनियादी पठन सामग्री पढ़ने और अंकगणितीय क्षमता में सुधार हुआ है, जो महामारी के बाद हुए नुकसान से उबरने का संकेत देता है।
- 2022 से सभी प्रारंभिक कक्षाओं (कक्षा I-VIII) के बच्चों में पढ़ने की क्षमता और अंकगणितीय क्षमता दोनों में सुधार हुआ है। इसमें भी अंकगणितीय क्षमता में सुधार पिछले एक दशक में सबसे अधिक रहा है।
- डिजिटल साक्षरता: 2024 में पहली बार इसमें 14-16 आयु वर्ग के बीच 'डिजिटल साक्षरता' का एक नया घटक शामिल किया गया था।
- स्मार्टफोन तक लगभग सार्वभौमिक पहुंच: लगभग 90% लड़कियों और लड़कों के घर में स्मार्टफोन है।
- स्मार्टफोन के स्वामित्व में लैंगिक अंतराल: 36.2% लड़कों के पास स्मार्टफोन है, जबकि केवल 26.9% लड़कियों के पास स्मार्टफोन है।
- स्मार्टफोन का शिक्षा की बजाये सोशल मीडिया के लिए अधिक उपयोग: केवल 57% किशोर/ किशोरियां शैक्षिक या पढ़ाई के उद्देश्य से स्मार्ट डिवाइस का उपयोग करते हैं, जबकि लगभग 76% सोशल मीडिया के लिए इसका उपयोग करते हैं।
- स्कूल की अवसंरचना: ASER के अनुसार शिक्षा के अधिकार के सभी संकेतकों में मामूली सुधार हुआ है, जिसमें बालिकाओं के लिए कार्यशील शौचालय, पेयजल सुविधाएं आदि शामिल हैं।