हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (HLC) ने आपदाओं के शमन के लिए 3027.86 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह धनराशि राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) से तीन आपदाओं के लिए स्वीकृत की गई है।
- इससे पहले शहरी बाढ़ जोखिम शमन, GLOF (ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड) जोखिम प्रबंधन, भूस्खलन जोखिम शमन जैसी अन्य परियोजनाओं के लिए NDMF से वित्तीय सहायता को मंजूरी दी गई थी।
विविध आपदाओं से निपटने के लिए उठाए गए कदम
- 12 सर्वाधिक सूखा प्रवण राज्यों को उत्प्रेरक सहायता प्रदान करने के लिए परियोजना आरंभ की गई है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
- बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल आदि सहित 10 राज्यों में बिजली गिरने की अधिक घटनाओं की आशंका वाले 50 जिलों में बिजली गिरने से सुरक्षा पर शमन परियोजना शुरू की गई है।
- अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश आदि सहित 19 राज्यों के उच्च प्राथमिकता वाले 144 जिलों में वनाग्नि जोखिम प्रबंधन हेतु शमन योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
- उद्देश्य: देश में वनाग्नि प्रबंधन दृष्टिकोण में परिवर्तन लाना, ताकि महत्वपूर्ण वनाग्नि रोकथाम और शमन गतिविधियों को मजबूत किया जा सके तथा उनका समर्थन किया जा सके।
- तंत्र: राज्य वनाग्नि शमन, प्रतिक्रिया तैयारी तथा वनाग्नि के बाद आकलन और रिकवरी पर केंद्रित गतिविधियों के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।
राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) के बारे में
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