सुप्रीम कोर्ट ने एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में हाथ से मैला उठाने (Manual Scavenging) की कुप्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- कोर्ट ने उपर्युक्त 6 शहरों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (संबंधित शहर में उन्हें जिस भी नाम से पुकारा जाता है) को यह बताने के लिए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है कि इस कुप्रथा को कब तक और कैसे समाप्त किया जाएगा।
- इससे पहले, डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ (2023) मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चरणबद्ध तरीके से इस कुप्रथा को पूरी तरह समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
भारत में ‘हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा’ के बारे में
- हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा क्या है: “हाथ से मैला उठाने” से आशय किसी व्यक्ति को अस्वच्छ शौचालय या शुष्क शौचालय में या खुले नाले या गड्ढे में या रेलवे ट्रैक आदि पर मानव मल को हाथ से हटाने, उठाने या किसी भी तरीके से उसके निपटान के लिए नियोजित करने से है।
- विनियमन: आधिकारिक रूप से सफाई कर्मचारी नियोजन और शुष्क शौचालय सन्निर्माण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1993 के तहत भारत में हाथ से मैला उठाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- बाद में हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत हाथ से मैला उठाने की परिभाषा को व्यापक बनाया गया और इसमें शामिल लोगों के पुनर्वास का प्रावधान किया गया।
- फिर भी, उचित सीवेज प्रबंधन प्रणाली की कमी और रोजगार के वैकल्पिक अवसर उपलब्ध नहीं होने के कारण यह कुप्रथा अब भी जारी है।
- वर्तमान स्थिति: 29 जनवरी, 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार देश के 775 जिलों में से 456 जिलों में हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा समाप्त हो चुकी है।
- शामिल मुख्य मुद्दे
- मानवीय संकट: हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा मौलिक मानवाधिकारों और व्यक्ति की गरिमा का उल्लंघन करती है। इस कुप्रथा में शामिल सफाई कर्मियों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों, विषाक्त गैसों और रोगजनक संक्रमणों के खतरों का सामना करना पड़ता है।
- जातिगत भेदभाव: इस कुप्रथा में शामिल अधिकतर व्यक्ति दलित समुदाय से आते हैं।
- आवश्यक उपाय:
- सीवर की सफाई के लिए रोबोट व मशीन जैसी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए।
- प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए कानूनों के कार्यान्वयन की सख्त निगरानी की जानी चाहिए।
- सैनिटेशन अवसंरचना में सुधार करना चाहिए।
हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा के उन्मूलन के लिए संवैधानिक और कानूनी प्रावधान
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