हाल ही में, भारत ने तांबे की बढ़ती मांग के दौरान जाम्बिया में 9,000 वर्ग किलोमीटर का ब्लॉक हासिल किया है।
- भारत में तांबा महत्वपूर्ण खनिज (Critical mineral) के रूप में सूचीबद्ध है। तांबा अपनी उच्च तन्यता, आघातवर्धनीयता, तापीय व विद्युत चालकता और संक्षारण प्रतिरोध के कारण उद्योगों में उपयोग होने वाली एक प्रमुख धातु है।
- तांबे के प्राकृतिक अयस्कों में कॉपर सल्फाइड अयस्क (जैसे चालकोपायराइट) और कॉपर ऑक्साइड अयस्क शामिल हैं।

तांबे की मांग क्यों बढ़ रही है?
- उच्च मांग: रक्षा क्षेत्रक, अवसंरचना और उभरती प्रौद्योगिकियों में तांबे की महत्वपूर्ण भूमिका के कारण यह अनुमान लगाया गया है कि 2035 तक इसकी मांग, आपूर्ति से अधिक हो जाएगी।
- वित्त वर्ष 2019 और वित्त वर्ष 2024 के बीच भारत में कॉपर कंसन्ट्रेट का आयात दोगुना होकर 26,000 करोड़ रुपये हो गया था।
- वैश्विक कारक: तांबे के अत्यधिक महत्त्व को देखते हुए चीन और अमेरिका दोनों ही अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका में प्रमुख खदानों को हासिल कर रहे हैं।
- कम घरेलू उत्पादन:
- तांबे का 2023-24 में 3.78 मिलियन टन (mt) उत्पादन हुआ था, जो 2018-19 की तुलना में 8% कम है।
- भारत में तांबा अयस्क भंडार (लगभग 164 mt) अधिकांशतः निम्न श्रेणी के हैं।
भारत में तांबे का वितरण
- भारत में शीर्ष 3 राज्य (प्राकृतिक भंडार के अनुसार): राजस्थान (52%), मध्य प्रदेश (23%) और झारखंड (15%)
- भारत में तांबे की प्रमुख खदानें: सिंहभूम कॉपर बेल्ट (बिहार), खेतड़ी कॉपर बेल्ट (राजस्थान), बालाघाट जिला (मध्य प्रदेश), आदि।
- अन्य क्षेत्र: इसमें पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग, सिक्किम का रंगपो, मणिपुर, कर्नाटक का चित्रदुर्ग जिला आदि शामिल हैं।
- भारत में तांबे की प्रमुख खदानें: सिंहभूम कॉपर बेल्ट (बिहार), खेतड़ी कॉपर बेल्ट (राजस्थान), बालाघाट जिला (मध्य प्रदेश), आदि।
- विश्व में तांबे के प्रमुख उत्पादक देश (2024)
- शीर्ष 3 देश (उत्पादक): चिली, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) और पेरू।