स्पेसएक्स के स्टारशिप रॉकेट में लॉन्च होते हुए विस्फोट हुआ तथा फ्लोरिडा और बहामास में उसका मलबा बिखर गया | Current Affairs | Vision IAS
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स्पेसएक्स के स्टारशिप रॉकेट में लॉन्च होते हुए विस्फोट हुआ तथा फ्लोरिडा और बहामास में उसका मलबा बिखर गया

Posted 08 Mar 2025

14 min read

यह घटना स्टारलिंक और क्यूपर जैसे सैटेलाइट्स के विशाल समूहों के विस्तार से जुड़े बढ़ते जोखिमों को उजागर करती है।

  • अंतरिक्ष मलबा (Space debris) वास्तव में अंतरिक्ष में परिक्रमा कर रहे अनुपयोगी मानव-निर्मित ऑब्जेक्ट्स होते हैं। इनमें पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा कर रहे या वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने वाले निष्क्रिय सैटेलाइट्स के टुकड़े होते हैं।

अंतरिक्ष मलबे के प्रबंधन से जुड़े गवर्नेंस संबंधी और कानूनी मुद्दे

  • परिभाषा की कमी: अंतर्राष्ट्रीय संधियों में अंतरिक्ष मलबे की ऐसी कोई कानूनी परिभाषा नहीं दी गई है, जो सभी को स्वीकार हो।  
  • जिम्मेदारी: 1972 के लायबिलिटी कन्वेंशन के तहत इस पर विवाद है कि मलबे को "स्पेस ऑब्जेक्ट्स " माना जाए या नहीं। जब मलबा किसी देश के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी तय करना मुश्किल हो जाता है।
  • दिशा-निर्देशों को लागू करने में समस्या: कई पुराने सैटेलाइट्स में डी-ऑर्बिटिंग तंत्र नहीं होते हैं। इससे संयुक्त राष्ट्र के स्वैच्छिक ‘डी-ऑर्बिटिंग दिशा-निर्देशों’ का पालन सुनिश्चित करना कठिन हो जाता है।
  • मलबे के स्रोत की पहचान: विशेष रूप से पुराने स्पेस ऑब्जेक्ट्स की या सैटेलाइट्स के टुकड़े के स्रोत की पहचान करना चुनौतीपूर्ण होता है। इससे भी किसी देश या एजेंसी को जवाबदेह ठहराना मुश्किल हो जाता है।  

अंतरिक्ष मलबे के मुख्य स्रोत: अधिकांश अंतरिक्ष मलबा पृथ्वी की कक्षा में सैटेलाइट्स के खंडित होने या किसी अन्य ऑब्जेक्ट्स के साथ इनके टकराने से उत्पन्न होता है।

  • अंतरिक्ष मलबा रॉकेट के निष्क्रिय हो गए चरणों और अंतरिक्ष-आधारित हथियारों (जैसे एंटी-सैटेलाइट मिसाइलों) के उपयोग से भी उत्पन्न हो सकता है।

अंतरिक्ष मलबे के बढ़ने से जुड़ी चुनौतियां: 

  • अंतरिक्ष में परिक्रमा कर रहे सक्रिय और उपयोगी सैटेलाइट्स तथा अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन के समक्ष खतरा बना रहता है।
  • नए सैटेलाइट्स को सक्रिय और सुरक्षित बनाए रखने के लिए विशेष उपाय करने होते हैं। इससे अंतरिक्ष कार्यक्रम की लागत बढ़ जाती है। 

अंतरिक्ष मलबे से निपटने के लिए उठाए गए कदम

  • वैश्विक स्तर पर उठाए गए कदम
    • 1993 में इंटर-एजेंसी डेब्रिस कॉर्डिनेशन कमेटी (IADC) गठित की गई थी। 
    • ‘अंतरिक्ष मलबे को कम करने पर संयुक्त राष्ट्र दिशा-निर्देश’ जारी किए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों को बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति (UN-COPUOS) ने तैयार किया है। 
    • जीरो डेब्रिस चार्टर पर 12 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस जैसे देश शामिल हैं। 
  • भारत द्वारा उठाए गए कदम
    • मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन (DFSM), 2030 की घोषणा की गई है।
    • इसरो सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट (IS4OM) ने कार्य करना शुरू कर दिया है। 
    • स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस कंट्रोल सेंटर (SSACC) की स्थापना की गई है। 
    • प्रोजेक्ट “नेटवर्क फॉर स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस (NETRA/ नेत्र)” शुरू किया गया है।  
  • Tags :
  • स्पेसएक्स
  • स्टारशिप रॉकेट
  • लायबिलिटी कन्वेंशन
  • (IADC
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