अम्मू स्वामीनाथन (1894 - 1978)
'संविधान सभा की महिला सदस्यों का जीवन और योगदान' पुस्तक में वर्णित 15 महिलाओं में से एक श्रीमती अम्मू स्वामीनाथन को उनके योगदान के लिए याद किया गया।

- यह भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने में उनकी भूमिका के प्रति विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से एक श्रद्धांजलि है।
अम्मू स्वामीनाथन के बारे में
- प्रारंभिक जीवन: उनका जन्म केरल के पलक्कड़ में हुआ था और उन्हें प्यार से 'अम्मुकुट्टी' कहा जाता था।
- राजनीतिक करियर:
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
- 1946 में उन्हें मद्रास से संविधान सभा के लिए चुना गया था।
- प्रमुख योगदान:
- जातिगत प्रथा को चुनौती: उन्होंने स्वयं को 'शूद्राची' कहकर उच्च जातीय गर्व को चुनौती दी थी।
- महिला अधिकार: माना जाता है कि उन्होंने 1917 में एनी बेसेंट के साथ मिलकर विमेंस इंडिया एसोसिएशन (WIA) की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य महिलाओं के आर्थिक अधिकारों और मताधिकार के लिए संघर्ष करना था।
मूल्य: समानता, न्याय, साहस, समानुभूति, आदि।