प्रधान मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि AI महिलाओं के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है तथा साथ ही, उनके जीवन को आसान बनाने में भी मदद कर रहा है।
महिला सशक्तीकरण के लिए AI

- व्यापक पैमाने पर व्यक्तिगत कौशल विकास प्रदान करना: कोर्सेरा जैसे प्लेटफॉर्म AI-अनुकूलित पाठ्यक्रम (जैसे, कोडिंग, डेटा विश्लेषण आदि) प्रदान कर रहे हैं। इससे महिलाओं में कौशल की कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है।
- आर्थिक सशक्तीकरण: AI के जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग से प्रतिभा पूल का विस्तार होता है, भर्ती प्रक्रिया में पूर्वाग्रह कम होता है, समावेशी संवाद को बढ़ावा मिलता है और कार्यस्थल पर सहयोग बेहतर होता है।
- स्वास्थ्य सेवा और कल्याण: बेबीलोन हेल्थ्स सिम्प्टम चेकर जैसे AI टूल्स बीमारियों (जैसे, स्तन कैंसर) का जल्द पता लगाने में सहायता करते हैं। इससे दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार किया जा सकता है।
- सुरक्षा और संरक्षण: सेफ्टीपिन जैसी ऐप्स AI का उपयोग करके सुरक्षित शहरी मार्गों का मानचित्रण करती हैं। इससे उत्पीड़न के जोखिम को कम किया जा सकता है।
AI में महिलाओं के समक्ष चुनौतियां
- लैंगिक अंतर: ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट, 2023 की माने तो दुनिया भर में, जो लोग AI के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उनमें केवल 30% महिलाएं हैं।
- डिजाइन में पक्षपात: PwC के अनुसार तकनीकी नौकरियों में महिलाओं की कम भागीदारी (एक-तिहाई से भी कम) के कारण AI समाधान उनकी आवश्यकताओं को पूरी तरह से हल नहीं कर सकते हैं।
- धारणा अंतराल: PwC के अनुसार 24% महिलाओं को लगता है कि AI का उनके काम पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, जबकि ऐसा मानने वाले पुरुषों का आंकड़ा 20% है।
- गोपनीयता जोखिम: AI द्वारा डेटा उपयोग को लेकर भी चिंताएं विद्यमान हैं, जैसे कि 2021 में यूनाइटेड किंगडम के एक अध्ययन में पाया गया था कि महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी ऐप्स संवेदनशील डेटा लीक कर रहे हैं।
AI एक परिवर्तनकारी तकनीक है, जो महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने की असीम संभावनाएं रखती है। हालांकि, इसका पूर्ण लाभ तभी प्राप्त किया जा सकता है जब यह समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करे।