महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास (WLD) का उद्देश्य महिलाओं को नेतृत्वकारी भूमिका निभाने, विकास के लिए एजेंडा निर्धारित करने, नवाचार को आगे बढ़ाने और सबसे आगे रहकर नीतियों को आकार देने के लिए सशक्त बनाना है।
महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास (WLD) का महत्त्व
- समावेशी गवर्नेंस: यह शासन-व्यवस्था के सभी स्तरों पर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रगति को सक्रिय रूप से आकार देने एवं आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं की क्षमता को दिशा प्रदान करता है।
- लैंगिक समानता: यह लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़कर और लैंगिक असमानता को बनाए रखने वाले मानदंडों को खारिज करके पीढ़ियों से मौजूद असमानता को समाप्त करता है।
- ज्ञातव्य है कि विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2024 में भारत 146 देशों में से 129वें स्थान पर है।
- आर्थिक विकास: भारत सरकार के 2047 तक ‘विकसित भारत’ विज़न को प्राप्त करने में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया गया है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण अध्ययन के अनुसार, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने से भारत की GDP में संभावित रूप से 30% की वृद्धि हो सकती है।
- उद्यमिता विकास: महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा, जिसमें अनुसूचित जाति, और अनुसूचित जनजाति व आदिवासी महिलाएं भी शामिल हैं।
महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास (WLD) से जुड़ी चुनौतियां
- जलवायु परिवर्तन: यह कार्य भागीदारी, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, परिवार आदि को प्रभावित करके महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बाधित करता है।
- लैंगिक डिजिटल विभाजन: मोबाइल जेंडर गैप 2021 रिपोर्ट के अनुसार भारत में केवल 15% महिलाओं के पास इंटरनेट तक पहुंच है।
- शिक्षा: दुनिया भर में महिलाओं की औसत साक्षरता दर 79.9% है, जबकि भारत में महिलाओं की साक्षरता दर 62.3% है।
- अन्य: कम महिला श्रम बल भागीदारी दर, मानसिक स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा आदि।
महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए शुरू की गई पहलें
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