यह संकेतक 2017 में अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के फ्रेमवर्क के अंतर्गत पहले से ट्रैक किए जा रहे लगभग 250 संकेतकों में शामिल हो गया है।
- इस नए संकेतक का प्रबंधन खाद्य व कृषि संगठन (FAO) और यूनिसेफ (UNICEF) संयुक्त रूप से करेंगे। यह संकेतक स्वस्थ आहार के मामले में SDG की प्रगति को ट्रैक करने में आ रही कमी को दूर करेगा।
- यह संकेतक उन पहलुओं पर ध्यान देगा, जो कुपोषण को समाप्त करने और SDG-2 को हासिल करने तथा व्यापक एजेंडा 2030 की प्रगति को ट्रैक करने हेतु उपलब्ध नहीं थे।
- SDG-2: भुखमरी को समाप्त करना।
न्यूनतम आहार विविधता (MDD) के बारे में
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, न्यूनतम आहार विविधता को तब हासिल किया जा सकता है जब आहार में निम्नलिखित 8 खाद्य समूहों में से 5 या उससे अधिक शामिल हों:
- माता का दूध; अनाज; फलियां; डेयरी उत्पाद; मांस खाद्य पदार्थ; अंडे; फल और सब्जियां तथा विटामिन A से भरपूर फल और सब्जियां। 5 से कम खाद्य समूहों से आहार का सेवन न्यूनतम आहार विविधता विफलता (MDDF) माना जाता है।
न्यूनतम आहार विविधता (MDD) संकेतक का महत्त्व
- पोषण का बेहतर आकलन: यह विशेष रूप से महिलाओं (MDD-W) और बच्चों (MDD-C) की पोषण संबंधी जरूरतों को ट्रैक करती है। ज्ञातव्य है कि महिलाएं व बच्चे कुपोषण के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं।
- वैश्विक स्वास्थ्य लक्ष्यों को ट्रैक करना: यह SDG-2 का समर्थन करती है, जिसका उद्देश्य भुखमरी को समाप्त करना और पोषण में सुधार करना है।
- नीति संबंधी साधन: यह आहार संबंधी खराब आदतों से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों का समाधान करने के मामले में नीति निर्माताओं को कुपोषण से निपटने के लिए रणनीतियां विकसित करने में मदद करती है।
- पहलों के प्रभाव का मूल्यांकन: यह पोषण संबंधी पहलों के प्रभाव का मूल्यांकन करने में मदद करती है।
भारत में न्यूनतम आहार विविधता विफलता (MDDF) की स्थिति (वर्ष 2019-21):
- क्षेत्रीय असमानताएं: भारत के मध्य क्षेत्र, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 80% से अधिक बच्चे न्यूनतम आहार विविधता विफलता (MDDF) से पीड़ित हैं।
- MDDF पर आयु का प्रभाव: 77% कम आयु वर्ग यानी 6-23 महीने के बच्चों में उच्च आयु समूहों की तुलना में MDDF की व्यापकता सबसे अधिक है।
- कमजोर वर्ग: अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बच्चों में सबसे ज़्यादा MDDF (79%) है। उसके बाद अनुसूचित जाति (77.2%) और अनुसूचित जनजाति (76%) का स्थान है।
