यह 46 मिलियन टन का भंडार स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रक में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
व्हाइट हाइड्रोजन के बारे में
- उत्पत्ति: तेल और गैस की तरह व्हाइट हाइड्रोजन भी प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। यह कठोर चट्टानों में निरंतर जारी भू-रासायनिक अभिक्रियाओं से बनता है।
- विशेषताएं: इसके अणु हाइड्रोकार्बन अणुओं से छोटे और हल्के होते हैं। इससे ये अणु आसानी से चट्टानों से बाहर निकल जाते हैं।
- वर्तमान स्थिति: वर्तमान में व्हाइट हाइड्रोजन उद्योग अपनी प्रारंभिक अवस्था में है तथा इसमें केवल कुछ ही नवाचारकर्ता सक्रिय हैं।
व्हाइट हाइड्रोजन के लाभ
- प्राकृतिक रूप से उपलब्ध: हाइड्रोजन के अन्य प्रकारों के विपरीत, इसके लिए औद्योगिक स्तर पर उत्पादन की आवश्यकता नहीं होती है।
- पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर: इससे कार्बन उत्सर्जित नहीं होता है।
- लागत प्रभावी: इसमें अक्षम ऊर्जा रूपांतरण या विनिर्माण प्रक्रियाओं की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही, अंतिम उपयोगकर्ता बाजारों के निकट स्थित भण्डारों से बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन किया जा सकता है।
- हीलियम के साथ सह-अस्तित्व: यह स्थिति व्हाइट हाइड्रोजन के वाणिज्यिक दोहन के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है।
हाइड्रोजन के अन्य प्रकार
प्रकार | उत्पादन | मुख्य विशेषता |
ग्रीन हाइड्रोजन | इसका उत्पादन सौर या पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त स्वच्छ विद्युत का उपयोग करके किया जाता है। | उत्पादन प्रक्रिया महंगी होती है। |
ब्लू हाइड्रोजन | इसका उत्पादन स्टीम रिफॉर्मिंग प्रक्रिया के तहत प्राकृतिक गैस से किया जाता है। | 'निम्न-कार्बन हाइड्रोजन', क्योंकि स्टीम रिफॉर्मिंग प्रक्रिया से कुछ ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित होती हैं। |
ग्रे हाइड्रोजन | इसका उत्पादन स्टीम मीथेन रिफॉर्मेशन का उपयोग करके प्राकृतिक गैस या मीथेन से किया जाता है। | यह सबसे आम प्रकार है, लेकिन इसमें ग्रीनहाउस गैसों को कैप्चर नहीं किया जाता है। |
ब्लैक और ब्राउन हाइड्रोजन
| इसका उत्पादन 'गैसीकरण' प्रक्रिया के माध्यम से जीवाश्म ईंधन से किया जाता है। | पर्यावरण के लिए अत्यधिक हानिकारक। |
पिंक हाइड्रोजन | इसका उत्पादन परमाणु ऊर्जा द्वारा संचालित इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से किया जाता है। | इसे पर्पल या रेड हाइड्रोजन भी कहा जाता है। इसका उपयोग ऊर्जा भंडारण माध्यम के रूप में किया जाता है। |