ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (Online Assurances Monitoring System: OAMS)
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने सरकारी आश्वासनों के प्रबंधन में ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (OAMS) की भूमिका को उजागर किया।
ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (OAMS) के बारे में
- यह संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफॉर्म सुनिश्चित करता है कि संसद में मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासनों पर व्यवस्थित रूप से नजर रखी जाए, निगरानी की जाए और उन्हें पूरा किया जाए।
- सदन में प्रश्नों के उत्तर देने या बहस के दौरान मंत्रियों द्वारा आश्वासन (वादों, वचनबद्धताओं आदि के रूप में) दिए जाते हैं।
- सूचना उपलब्ध न होने के कारण दिए गए आश्वासन तीन माह की अवधि के भीतर पूरे किए जाने होते हैं।
- संसदीय कार्य मंत्रालय को भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 के अंतर्गत आश्वासनों के कार्यान्वयन का कार्य सौंपा गया है।
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- OAMS
- आश्वासन निगरानी प्रणाली
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
सुप्रीम कोर्ट ने CAG की नियुक्ति में तटस्थ प्रक्रिया अपनाने के लिए दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के बारे में
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148-151 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से संबंधित हैं।
- नियुक्ति: राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- अपने पद पर न रहने के पश्चात वह भारत सरकार या किसी राज्य के अधीन किसी अन्य पद के लिए पात्र नहीं होता है।
- वेतन और सेवा की अन्य शर्तें: संसद द्वारा कानून के जरिये या द्वितीय अनुसूची में निर्दिष्ट होने तक निर्धारित की जाती हैं।
- पद से हटाना: इसे पद से केवल उसी रीति से और उन्ही आधारों पर हटाया जा सकता है, जिस रीति से तथा जिन आधारों पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को हटाया जाता है।
- नियुक्ति: राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- पद की शपथ दिलाना: राष्ट्रपति या उसके द्वारा इस हेतु नियुक्त किसी व्यक्ति द्वारा।
- अनुच्छेद 149 के अनुसार CAG की शक्तियां और कर्तव्य: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संघ के और राज्यों के तथा किसी अन्य प्राधिकरण या निकाय के लेखाओं के संबंध में ऐसे कर्तव्यों का पालन करेगा या ऐसी शक्तियों का प्रयोग करेगा, जिन्हें संसद द्वारा बनाए गए कानून के जरिये उसे सौंपी जाएं।
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- CAG
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)
BIS ने असुरक्षित व गैर-प्रमाणित उत्पाद बेचने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर कार्रवाई की।
BIS के बारे में (मुख्यालय: नई दिल्ली)
- यह भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत स्थापित भारत का एक राष्ट्रीय मानक निकाय है।
- उद्देश्य: वस्तुओं के मानकीकरण, मार्किंग और गुणवत्ता प्रमाणन संबंधी गतिविधियों का सामंजस्यपूर्ण विकास करना।
- लाभ: सुरक्षित और विश्वसनीय गुणवत्ता वाले सामान उपलब्ध होते हैं; उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य संबंधी खतरों को न्यूनतम करता है; निर्यात को बढ़ावा देता है; आयात पर निर्भरता घटाता है, आदि।
- ब्यूरो के सदस्य: इसमें 25 सदस्य होते हैं, जो केंद्र और राज्य सरकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)
- भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016
Articles Sources
माइक्रोप्रोसेसरों
इसरो और चंडीगढ़ की सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (SCL) ने अंतरिक्ष संबंधी उपयोग के लिए 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर VIKRAM3201 और KALPANA3201 विकसित किए हैं।
- VIKRAM3201 प्रक्षेपण यानों की कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों में उपयोग के लिए पहला पूर्णतः “भारत में निर्मित” 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है।
माइक्रोप्रोसेसर के बारे में:
- यह एक बहुउद्देशीय, प्रोग्रामेबल, क्लॉक-ड्राइवन, और रजिस्टर-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है।
- इसमें लाखों छोटे ट्रांज़िस्टर्स, रेजिस्टर्स और डायोड एक अर्धचालक पदार्थ (IC चिप्स) पर जुड़े होते हैं। ये सभी सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) के प्रमुख घटक होते हैं।
- घटक: अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU), कंट्रोल यूनिट और रजिस्टर ऐर्रे।
- कार्य: मेमोरी जैसी स्टोरेज प्रणाली से बाइनरी निर्देशों को समझाना, बाइनरी डेटा को इनपुट के रूप में एक्सेप्ट करना, डेटा को प्रोसेस करना और आउटपुट प्रदान करना।
- उदाहरण: इंटेल 4004, 8085, पेंटियम आदि।
- Tags :
- माइक्रोप्रोसेसर
- VIKRAM3201
IUCN ग्रीन लिस्ट
IUCN ग्रीन लिस्ट में चार नए स्थल जोड़े गए हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- सऊदी अरब का शरान नेचर रिजर्व और किंग अब्दुलअजीज रॉयल नेचर रिजर्व,
- जॉर्डन का अकाबा मरीन रिजर्व, और
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का सिर बु नैर संरक्षित क्षेत्र।
IUCN ग्रीन लिस्ट के बारे में
- यह प्रमाणन से संबंधित वैश्विक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य प्रभावी, न्यायसंगत और सफल संरक्षित एवं परिरक्षित क्षेत्र सुनिश्चित करना तथा उन्हें बढ़ावा देना है।
- फोकस: संरक्षण संबंधी प्रबंधन में सर्वोत्तम पद्धतियों को उजागर करना तथा प्रगति के लिए मानक निर्धारित करना।
- उद्देश्य:
- संरक्षित एवं परिरक्षित क्षेत्रों की संख्या में वृद्धि करना, ताकि उनका प्रबंधन प्रभावी एवं समतापूर्ण ढंग से किया जा सके।
- संरक्षण संबंधी परिणाम सुनिश्चित करना। इसके तहत SDG-15 “स्थलीय जीवन” के संरक्षण में योगदान देना और जैव विविधता अभिसमय (CBD) के आईची लक्ष्य 11 को हासिल करने की दिशा में कार्य करना शामिल है।
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- IUCN
- ग्रीन लिस्ट
करैकल
राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से करैकल का पहला फोटोग्राफिक रिकॉर्ड साझा किया गया।
करैकल के बारे में
- स्थानिक: यह भारत सहित अफ्रीका, मध्य-पूर्व, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के कई देशों में पाया जाता है।
- विशेषताएं: यह मुख्य रूप से रात्रिचर बिल्ली की एक प्रजाति है। इसके नुकीले और काले कान इसकी पहचान है।
- "करैकल" नाम तुर्की शब्द "करैकुलक" से आया है, जिसका अर्थ "काले कान" होता है।
- यह सरकार द्वारा संचालित प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल 22 प्रजातियों में से एक है।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN: लीस्ट कंसर्न।
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-I में सूचीबद्ध।
- CITES: परिशिष्ट-I (एशियाई आबादी) में सूचीबद्ध।
- Tags :
- करैकल
- लीस्ट कंसर्न
- प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम
प्रधान मंत्री इंटर्नशिप योजना
वित्त मंत्री ने प्रधान मंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) के लिए एक समर्पित मोबाइल ऐप लॉन्च किया।
प्रधान मंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) के बारे में
- शुरुआत: इसे 2024 में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने शुरू किया था।
- उद्देश्य: अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं (21 से 24 वर्ष) को भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करना।
- अकादमिक शिक्षा और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच अंतर को कम करना।
- व्यावहारिक अनुभव के जरिए कौशल विकास और व्यावसायिक विकास को प्रोत्साहन देकर प्रतिभागियों की रोजगार क्षमता को बढ़ावा देना।
- अवधि और पारिश्रमिक: इस योजना में 12 माह की अवधि के लिए सशुल्क इंटर्नशिप दी जाएगी। इसमें प्रति इंटर्न 5,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, इसमें 6,000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता देने का भी प्रावधान किया गया है।
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- प्रधान मंत्री इंटर्नशिप योजना
Articles Sources
बोडो जनजाति
केंद्रीय गृह मंत्री के अनुसार, 2020 के बोडो शांति समझौते की 80% से अधिक शर्तें लागू कर दी गई हैं।
- इस समझौते पर केंद्र, असम सरकार और बोडो समूहों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके कारण बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) को अधिक स्वायत्तता मिली है।
बोडो जनजाति के बारे में
- बोडो असम में सबसे बड़ा नृजातीय-भाषाई समूह है।
- यह मुख्य रूप से बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में रहता है।
- बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र असम में एक स्वायत्त क्षेत्र है, जिसमें चार जिले हैं।
- भाषा: बोडो (या बोरो)। यह भारत की 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है।
- संवैधानिक स्थिति: इसे संविधान की पांचवी और छठी अनुसूची के तहत एक मैदानी जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है।
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- बोडो जनजाति
- बोरो