यह योजना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के आधार पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा शुरू की गई है।
योजना के प्रमुख प्रावधान
- पात्रता: यह योजना ऐसी सड़क दुर्घटना के पीड़ित किसी भी व्यक्ति के लिए है, जो मोटर वाहन के उपयोग से संबंधित सड़क पर हुई हो।
- कवरेज: पीड़ित दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए नामित अस्पतालों में 1.5 लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार हेतु पात्र हैं।
- नोडल एजेंसी: राज्य सड़क सुरक्षा परिषद।
- नामित अस्पताल: राज्यों को आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध किए गए अस्पतालों सहित उन सभी सक्षम अस्पतालों को इस योजना में शामिल करना होगा, जो ट्रॉमा और पॉलि-ट्रॉमा देखभाल प्रदान करते हैं।
- अस्पतालों को भुगतान: अस्पताल दावे कर सकते हैं, जिनका सत्यापन राज्य स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा किया जाएगा तथा 10 दिनों के भीतर मोटर वाहन दुर्घटना निधि से भुगतान किया जाएगा।
- योजना की निगरानी हेतु तंत्र: यह कार्य केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा किया जायेगा।
भारत में सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने का महत्त्व
- सड़क दुर्घटना की स्थिति: 2022 में कुल लगभग 4.6 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनके परिणामस्वरूप लगभग 1.68 लाख लोगों की मौतें हुई।
- भारत में सड़क दुर्घटनाओं की दर दुनिया में सबसे ज्यादा है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को पूरा करना: संयुक्त राष्ट्र सड़क सुरक्षा कार्रवाई दशक का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को आधा करना है।
सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए भारत द्वारा किए गए अन्य उपाय
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