यह रिपोर्ट ‘ए मैटर ऑफ चॉइस: पीपल एंड पॉसिबिलिटीज इन द एज ऑफ एआई’ शीर्षक से जारी की गई है। रिपोर्ट का यह शीर्षक रेखांकित करता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मानव विकास के अगले चरण को दिशा देने में कितनी अहम भूमिका निभा रहा है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:
- भारत की मानव विकास सूचकांक (HDI) रैंकिंग: मानव विकास रिपोर्ट, 2025 में विश्व के 193 देशों में भारत 130वें स्थान पर है। पिछली रिपोर्ट की तुलना में भारत की रैंकिंग में तीन स्थानों का सुधार हुआ है।
- भारत अभी भी "मध्यम मानव विकास" वाले देशों की श्रेणी में बना हुआ है। भारत का HDI स्कोर 0.685 है।
- मानव विकास सूचकांक (HDI) एक समग्र सूचकांक है, जो मानव विकास के तीन मूलभूत आयामों में औसत उपलब्धि को मापता है।
- ये आयाम हैं- दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन; ज्ञान (नॉलेज) और सम्मानजनक जीवन स्तर।
- जीवन प्रत्याशा: भारत में जीवन प्रत्याशा 2023 में बढ़कर 72 वर्ष हो गई। HDI गणना की शुरुआत के बाद से भारत में यह सबसे अधिक जीवन प्रत्याशा है।
- शिक्षा: भारत में स्कूली शिक्षा में व्यतीत की गई औसत अवधि अब 13 वर्ष है। 1990 में यह अवधि 8.2 वर्ष थी।
- प्रगति के बावजूद चुनौतियां
- राष्ट्रीय आय: विश्व में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) रैंकिंग, HDI रैंकिंग से सात स्थान नीचे है।
- असमानता: पुरुषों एवं महिलाओं के बीच असमानताएं (Gender disparities) अब भी अधिक हैं। उदाहरण के लिए- लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) में भारत की रैंकिंग 102वीं है।
- भारत की निम्न रैंकिंग प्रजनन स्वास्थ्य-देखभाल व्यवस्था अच्छी नहीं होने, राजनीतिक व्यवस्था में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व और कार्यबल में महिलाओं की कम भागीदारी का संकेत देती है।
- मानव विकास की वैश्विक स्थिति:
- वैश्विक स्तर पर मानव विकास की प्रगति 1990 के बाद से सबसे धीमी रही है।
- निम्न और अत्यंत उच्च HDI रैंकिंग वाले देशों के बीच असमानता लगातार चौथे वर्ष बढ़ी है।
मानव विकास रिपोर्ट 2025 में AI से जुड़े मुख्य बिंदु
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