हुदैदा और अल-सलीफ बंदरगाह
इजरायल ने यमन में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले हुदैदा और अल-सलीफ बंदरगाहों पर हमला किया।
हुदैदा और अल-सलीफ बंदरगाहों के बारे में
- अवस्थिति: पश्चिमी यमन में लाल सागर के तट पर।
- महत्त्व: रास इस्सा और हुदैदा एवं सलीफ बंदरगाह से होकर यमन का लगभग 70% आयात होता है तथा उसे 80% मानवीय सहायता प्राप्त होती है।

- Tags :
- हुदैदा और अल-सलीफ बंदरगाह
पीएम ई-ड्राइव योजना (PM E-Drive)
कर्नाटक सरकार ने ‘प्रधान मंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-DRIVE/ पीएम ई-ड्राइव)’ योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों की मांग की है।
पीएम ई-ड्राइव योजना के बारे में
- शुरुआत: 2024 में।
- कार्यान्वयन मंत्रालय: भारी उद्योग मंत्रालय।
- उद्देश्य: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को तेज़ी से अपनाना, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करना और इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण इको-सिस्टम का विकास करना।
- योजना अवधि: 2 वर्ष (2024 से 2026) तक।
- योजना के घटक:
- सब्सिडी: इलेक्ट्रिक-दोपहिया, तिपहिया, एंबुलेंस, ट्रक और अन्य नई EV श्रेणी के वाहनों के लिए मांग आधारित प्रोत्साहन।
- पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए अनुदान: इलेक्ट्रिक बसें, चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क की स्थापना आदि।
- Tags :
- पीएम ई-ड्राइव योजना
- इलेक्ट्रिक वाहन
- ‘प्रधान मंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-DRIVE/ पीएम ई-ड्राइव)
Articles Sources
पोलियो (पोलियोमाइलाइटिस)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पापुआ न्यू गिनी में पोलियो के प्रकोप की घोषणा की
- गौरतलब है कि पापुआ न्यू गिनी को वर्ष 2000 में पोलियो मुक्त घोषित किया गया था।
पोलियो के बारे में
- यह वायरस से फैलने वाला अत्यधिक संक्रामक रोग है। यह बीमारी तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है और पूर्ण पक्षाघात (लकवा) का कारण बन सकती है।
- संक्रमण का तरीका: व्यक्ति से व्यक्ति में, फेकल-ओरल रूट से, दूषित जल या भोजन के सेवन से।
- यह वायरस आंतों में कई गुना बढ़ जाता है।
- प्रारंभिक लक्षण: बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन में अकड़न और अंगों में दर्द।
- पोलियो मुख्यतः 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को संक्रमित करता है।
- पोलियो के खिलाफ दो प्रकार के टीके उपलब्ध हैं:
- ओरल पोलियो वैक्सीन, और
- इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन।
- भारत को वर्ष 2014 में आधिकारिक रूप से पोलियो मुक्त घोषित किया गया था।
- Tags :
- पोलियो
- ओरल पोलियो वैक्सीन
ट्विस्टर (Twister)
संयुक्त राज्य अमेरिका में "ट्विस्टर" नामक विशाल मौसमी परिघटना का अवलोकन किया गया।
ट्विस्टर क्या है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका में "ट्विस्टर" टॉरनेडो (चक्रवात) का दूसरा नाम है। ये अत्यधिक तीव्र गति (लगभग 250 मील प्रति घंटा) से घूमने वाले, कीप (funnel) के आकार के वायु स्तंभ होते हैं। ये प्रबल गर्जन वाले बादलों के साथ जमीन पर उतरते हैं।
- निर्माण प्रक्रिया: ट्विस्टर्स तब बनते हैं जब आर्द्र और गर्म हवा, शुष्क व ठंडी हवा से टकराती है। इससे वायुमंडल में अस्थिरता और तड़ित-झंझा (thunderstorm) के भीतर तीव्र उर्ध्वगामी धाराएं बनती हैं।
- इससे वायुमंडलीय कतरनी (wind shear) उत्पन्न होती है, जो हवा को घुमाती है। जब यह घूर्णन ऊर्ध्वाधर (वर्टिकली) दिशा में झुकता है और प्रबल वेग धारण करता है, तो टॉरनेडो (या ट्विस्टर) का निर्माण होता है।
- इनमें से अधिकतर ट्विस्टर्स मेक्सिको की खाड़ी के आसपास उत्पन्न होते हैं, क्योंकि यह आर्द्रता का एक बड़ा स्रोत है।
- Tags :
- ट्विस्टर
- टॉरनेडो
फॉरेस्ट क्लीयरेंस
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वन भूमि के अन्य गतिविधियों के लिए दुरुपयोग के मामलों की जांच हेतु विशेष जांच दल (SITs) गठित करने का निर्देश दिया।
- फॉरेस्ट क्लीयरेंस से आशय है किसी अन्य उद्देश्य से वन भूमि के उपयोग की मंजूरी देना।
वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अनुसार फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया:
- चरण I – सैद्धांतिक मंजूरी: प्रतिपूरक वनीकरण के लिए निधि आवंटन जैसी कुछ शर्तें पूरी होने पर प्रारंभिक मंजूरी दी जाती है।
- चरण II – अंतिम मंजूरी: राज्य सरकार द्वारा चरण I की सभी शर्तों का पालन करने की पुष्टि के बाद दी जाती है।
स्वीकृति देने वाली अथॉरिटी:
- 5 हेक्टेयर तक की परियोजनाओं (खनन को छोड़कर) के लिए, क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य वन संरक्षक द्वारा मंजूरी दी जाती है।
- 5 हेक्टेयर से अधिक में फैली परियोजनाओं या किसी भी खनिज खनन प्रस्ताव के लिए, वन सलाहकार समिति की सिफारिश पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकृति दी जाती है।
- Tags :
- फॉरेस्ट क्लीयरेंस
- वन संरक्षण अधिनियम, 1980
भारतीय याक
पहली बार भारतीय याक के गुणसूत्र-स्तर के जीनोम को चार ICAR संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा संकलित किया गया।
भारतीय याक के बारे में
- भारतीय याक (बोस ग्रुन्नियन्स) को ‘हिमालय का जहाज’ भी कहा जाता है। यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों को मांस, दूध और परिवहन की सुविधा प्रदान करता है।
- पर्यावास: यह हिमालयी क्षेत्र, तिब्बती पठार, पामीर पर्वत, ताजिकिस्तान, मंगोलिया और साइबेरिया तक पाया जाता है।
विशेषताएं:
- याक के फेफड़े और हृदय उन मवेशियों की तुलना में बड़े होते हैं, जो कम ऊंचाई पर पाए जाते हैं।
- आहार: ये शाकाहारी होते हैं और मुख्य रूप से घास एवं पर्वतीय पौधों पर निर्भर रहते हैं।
- Tags :
- भारतीय याक
- ICAR संस्थान
मल्टी-एजेंसी सेंटर
केंद्रीय गृह मंत्री ने नई दिल्ली में एम्बेडेड AI/ ML तकनीकों के साथ एक नए और संशोधित MAC का उद्घाटन किया।
MAC के बारे में
- यह इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधीन एक साझा आतंकवाद-रोधी ग्रिड है। इसे 2001 में कारगिल युद्ध के बाद चालू किया गया था।
- यह भारत के द्वीपीय क्षेत्रों, उग्रवाद पीड़ित क्षेत्रों और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों को जोड़ता है, जिससे जिला-स्तर तक कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित होती है।
- इसमें 28 संगठनों की भागीदारी है, जिनमें रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW), सशस्त्र बल और राज्य पुलिस शामिल हैं। ये रीयल-टाइम में खुफिया जानकारी साझा करते हैं।
- Tags :
- मल्टी-एजेंसी सेंटर
- साझा आतंकवाद-रोधी ग्रिड
Articles Sources
राजों की बावली
राजों की बावली को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने वर्ल्ड मॉन्यूमेंट्स फंड इंडिया के साथ मिलकर संरक्षित किया है।
राजों की बावली के बारे में

- यह एक चार-स्तरीय (चार मंजिला) सीढ़ीदार बावली है। इसका निर्माण लोधी काल में पेयजल और खाना पकाने के जल को संग्रहित करने के लिए किया गया था।
- अवस्थिति: महरौली पुरातत्व पार्क (नई दिल्ली) में।
- निर्माणकर्ता: सिकंदर लोधी के दरबार के एक अमीर दौलत खान ने 1506 ई. में करवाया था।
- स्थापत्य कला शैली: इंडो-इस्लामिक।
- Tags :
- राजों की बावली
- लोधी काल