NASA के उपग्रहों ने एक विशाल सोलर फ्लेयर का पता लगाया है। इसमें सूर्य से अति गर्म प्लाज्मा निकल रहा है, जो नाटकीय "बर्ड-विंग" आकार में फैल रहा है।
सोलर फ्लेयर्स (सौर ज्वालाएं) क्या है?
- परिभाषा: सौर ज्वालाएं सूर्य पर होने वाले विशाल विस्फोट हैं। इनसे ऊर्जा, प्रकाश और उच्च गति वाले कण अंतरिक्ष में मुक्त होते हैं।
- इन ज्वालाओं को अक्सर सौर चुंबकीय तूफानों से जोड़कर देखा जाता है। इन तूफानों को कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) कहा जाता है।
- कोरोनल मास इजेक्शन: यह सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का बड़े पैमाने पर उत्सर्जन है।
- इन ज्वालाओं को अक्सर सौर चुंबकीय तूफानों से जोड़कर देखा जाता है। इन तूफानों को कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) कहा जाता है।
- वर्गीकरण: इन्हें इनकी प्रबलता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। सबसे कम प्रबल सोलर फ्लेयर्स को A-श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है। इससे अधिक प्रबल सोलर फ्लेयर्स श्रेणियां क्रमशः B, C, M और X हैं। X सोलर फ्लेयर्स सर्वाधिक प्रबल होती हैं।
- आवृत्ति: सोलर मैक्सिमम के दौरान सोलर फ्लेयर्स की घटनाएं अधिक होती हैं।
- सौर चक्र की मध्य अवधि सोलर मैक्सिमम (सौर चक्र की पीक अवधि) होती है। इस दौरान सूर्य में सबसे अधिक सनस्पॉट्स होते हैं।
- सौर चक्र वह साइकिल है, जिससे सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र लगभग प्रत्येक 11 साल में गुजरता है। प्रत्येक सौर चक्र की पीक अवधि के दौरान सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र का ध्रुव बदलता है। इसका अर्थ है कि सूर्य के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपनी जगह बदल लेते हैं।
- सोलर फ्लेयर्स विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में विकिरण जैसे- एक्स-किरणें, गामा किरणें, पराबैंगनी प्रकाश, दृश्य प्रकाश, रेडियो तरंगें आदि उत्सर्जित करते हैं।
सोलर फ्लेयर्स घटनाओं के निहितार्थ
- भू-चुंबकीय तूफान: ये फ्लेयर्स पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में गड़बड़ी ला सकती हैं। इस वजह से रेडियो ब्लैकआउट, पावर ग्रिड की विफलता और ऑरोरा की घटनाएं हो सकती हैं।
- सैटेलाइट क्षति: उच्च ऊर्जा वाले कण सैटेलाइट्स के इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं; GPS सिस्टम में गड़बड़ी कर सकते हैं और संचार नेटवर्क में रुकावट डाल सकते हैं।
- मानव सुरक्षा: पृथ्वी पर लोगों को सीधे नुकसान नहीं होता, क्योंकि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल हमें बचाते हैं। यद्यपि अंतरिक्ष यात्रियों और स्पेस मिशन को विकिरण के कारण खतरा हो सकता है।