मिजोरम ने 95% से अधिक की साक्षरता दर हासिल कर ली है। PLFS सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, मिजोरम की साक्षरता दर 98.20% हो गई है। इसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा परिभाषित पूर्ण साक्षरता के बराबर माना गया है।
- इसके पहले, लद्दाख, ULLAS कार्यक्रम के तहत पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता की घोषणा करने वाली पहली प्रशासनिक इकाई बन गया था।
कार्यात्मक साक्षरता के बारे में
- अर्थ: इसका आशय पढ़ने, लिखने और गणितीय कौशल के एक निर्धारित स्तर को हासिल करना है।
ULLAS - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (NILP) के बारे में
- परिभाषित साक्षरता: ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ व लिख सकते हैं, बुनियादी गणितीय कौशल से युक्त हैं और डिजिटल एवं वित्तीय साक्षरता रखते हैं (सिर्फ अपने नाम का हस्ताक्षर करना या लिखना नहीं)।
- योजना का प्रकार: यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- योजना की अवधि: वित्त वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक।
- संबंधित मंत्रालय: शिक्षा मंत्रालय।
- योजना का लक्ष्य: औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित रहे 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी पृष्ठभूमि के वयस्क।
- योजना के घटक: इसमें मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल तथा सतत शिक्षा शामिल हैं।
- कार्यान्वयन: स्वयंसेवकों के माध्यम से, सामाजिक उत्तरदायित्व और ‘कर्तव्य बोध’ को बढ़ावा देना।
- स्कूलों, स्थानीय सांस्कृतिक केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों आदि में उपलब्ध स्थानों का उपयोग करके सामाजिक चेतना केंद्र स्थापित किए जाते हैं। यहां स्कूल कार्यान्वयन की इकाई के रूप में कार्य करते हैं।
- क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग: DIKSHA पोर्टल और ULLAS मोबाइल ऐप/ पोर्टल के माध्यम से शैक्षिक सामग्री तक पहुंच के लिए।
- मूल्यांकन और प्रमाणन: FLNAT (फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी असेसमेंट टेस्ट) वर्ष में दो बार या मांग पर स्थानीय स्कूलों में आयोजित किया जाता है।