“भारत के मखाना निर्यात को बढ़ावा देने की रणनीतियां” नामक रिपोर्ट जारी की गई | Current Affairs | Vision IAS
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“भारत के मखाना निर्यात को बढ़ावा देने की रणनीतियां” नामक रिपोर्ट जारी की गई

Posted 22 May 2025

8 min read

यह रिपोर्ट बिहार के पटना में संपन्न हुई पहली अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक (IBSM) में जारी की गई थी।

  • यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर अनुसंधान के लिए भारतीय परिषद (ICRIER) तथा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई है।

IBSM के बारे में

  • IBSM का आयोजन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) द्वारा बिहार सरकार, APEDA और भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (TPCI) के साथ मिलकर किया गया था।
    • TPCI विदेश व्यापार नीति में अधिसूचित एक शीर्ष व्यापार और निवेश संवर्धन संगठन है।
  • इसका उद्देश्य खाद्य निर्यात को बढ़ावा देना, बिहार की समृद्ध कृषि क्षमता को उजागर करना आदि है। 

मखाना (यूरिएल फेरोक्स) के बारे में

  • यह गोरगोन नट/ वाटर लिली का फूला हुआ दाना होता है। यह तालाबों, झीलों और दलदलों जैसे स्थिर जल निकायों में उगने वाली एक जलीय फसल है।
  • यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में उगता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशियाई देशों में उगाया जाता है।
  • स्थिति: भारत इसके वैश्विक उत्पादन में एक अग्रणी देश है। मखाना की कुल वैश्विक आपूर्ति में भारत की 90% भागीदारी है, जिसमें अकेला बिहार (मिथिला क्षेत्र) 85-90% का योगदान देता है।
    • अत्यधिक उत्पादन हिस्सेदारी के बावजूद, कुल उत्पादन का केवल 1-2% ही निर्यात किया जाता है।
  • पोषक तत्व: यह आवश्यक अमीनो एसिड, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। यह एक अल्प वसा वाला खाद्य है।
  • लाभ: यह कम ग्लाइसेमिक लोड वाला खाद्य एंटी-एजिंग गुण से भरपूर है।
  • Tags :
  • APEDA
  • मखाना
  • ICRIER
  • अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक (IBSM)
  • गोरगोन नट
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