यह रिपोर्ट विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) द्वारा जारी की गई है। यह विश्व में पशुओं के स्वास्थ्य की स्थिति पर पहली व्यापक वैश्विक रिपोर्ट है।
- विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) का मुख्यालय पेरिस में है। इसकी स्थापना 1924 में ऑफिस इंटरनेशनल देस एपिज़ूटीज़ (Office International des Epizooties) के रूप में हुई थी। इसे विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) नाम 2003 में दिया गया था।
- यह संगठन पशु संबंधी रोगों की जानकारी पारदर्शी रूप से साझा करता है और पशु स्वास्थ्य सुधारने के लिए कार्य करता है ताकि एक सुरक्षित, स्वस्थ और संधारणीय विश्व बना रह सके।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- रोग पैटर्न में बदलाव: अब संक्रामक पशु रोग नए भौगोलिक क्षेत्रों में फैल रहे हैं। इनमें से लगभग 47% रोग ऐसे हैं, जो पशुओं से इंसानों में फैल सकते हैं। इन्हें जूनोटिक यानी पशुजन्य रोग कहा जाता है।
- उदाहरण के लिए- पेस्टे डेस पेटीट्स रूमिनेंट्स भेड़ और बकरियों को प्रभावित करता है। यह रोग पारंपरिक रूप से विकासशील देशों तक ही सीमित था, अब इसका प्रसार यूरोप में भी देखा गया है।
- रोग की बढ़ती तीव्रता: अफ़्रीकी स्वाइन फीवर, एवियन इन्फ्लूएंजा और खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों की आवृत्ति एवं तीव्रता बढ़ रही है। इससे कृषि खाद्य प्रणालियों को नुकसान होता है तथा खाद्य सुरक्षा, लोक स्वास्थ्य और जैव विविधता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
- रोग फैलने के कारक: इसमें जलवायु परिवर्तन और वैश्विक व्यापार का विस्तार प्रमुख कारकों में से एक है।
- रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस/ AMR): अनुमान है कि 2050 तक AMR के कारण पशुधन की भारी हानि होगी। इससे 2 बिलियन लोगों की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी और परिणामस्वरूप 100 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान भी होगा।
- रिपोर्ट में की गई मुख्य सिफारिशें:
- बेहतर स्वच्छता और जैव सुरक्षा उपायों जैसे अन्य नियंत्रण उपायों के साथ-साथ सुरक्षित व प्रभावी टीकों की सामान उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
- राष्ट्रीय पशु चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने, वैश्विक एवं क्षेत्रीय स्तर पर समन्वय बढ़ाने, रोग निगरानी प्रणाली में सुधार आदि के लिए निवेश को बढ़ावा देना चाहिए।