यह परिवर्तन ऑटोमेशन, बदलती वैश्विक प्रवृत्तियों, बड़े पैमाने पर कार्यबल की छंटनी और नई कौशल आवश्यकताओं के कारण हो रहा है।
भारत के IT उद्योग की स्थिति
- यह देश की कुल सेवाओं के सकल मूल्यवर्धित (GVA) में लगभग 12% और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 7% का योगदान देता है। यह अर्थव्यवस्था में 280 बिलियन डॉलर का योगदान देता है।
- यह कुल कार्यबल के लगभग 1% को रोजगार देता है। इस क्षेत्रक में लगभग 6 मिलियन लोग कार्यरत हैं।
- इस क्षेत्रक के कुल कार्यबल में लगभग 36% महिलाएं हैं, जो बढ़ते लैंगिक समावेशन को दर्शाता है।
- इस उद्योग ने भारत को सॉफ्टवेयर सेवाओं और डिजिटल नवाचार का वैश्विक केंद्र बना दिया है। साथ ही, छोटे शहरों के युवाओं को सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता का अवसर प्रदान किया है।
IT उद्योग में हो रहे परिवर्तन
- प्रौद्योगिकी रूपांतरण: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ऑटोमेशन से रिपोर्टिंग, बेसिक कोडिंग और समन्वय जैसे नियमित कार्य स्वचालित हो रहे हैं।
- इससे डेवलपर्स की उत्पादकता बढ़ रही है और उद्योग का ध्यान AI-आधारित उच्च-मूल्य वाले डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर जा रहा है।
- वैश्विक पुनर्संरेखण: संयुक्त राज्य अमेरिका की सख्त आव्रजन नीतियां, H-1B वीज़ा शुल्क में वृद्धि और टैरिफ की धमकियां भारतीय IT कंपनियों को अपने विदेशी कार्यबल को स्थानीयकृत करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
- पुरानी आउटसोर्सिंग मॉडल: बड़े पैमाने पर भर्ती और लागत आधारित सेवाओं का स्थान अब समाधान-उन्मुख मांग ले रही है, AI विशेषज्ञता पर आधारित है।
- कौशल की कमी: कई पेशेवरों में AI, क्लाउड और साइबर सुरक्षा जैसे विकसित हो रहे क्षेत्रों में विशेषज्ञता की कमी है।
आगे की राह
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