इस रिपोर्ट में कृषि रूपांतरण को धीमा करने वाली संरचनात्मक बाधाओं को रेखांकित किया गया है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि कैसे फ्रंटियर यानी अग्रणी प्रौद्योगिकियां उच्च उत्पादकता, लचीलापन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इन कमियों को प्रत्यक्ष रूप से दूर कर सकती हैं।
कृषि रूपांतरण को प्रभावित करने वाली बाधाएं
- डेटा: बिखरा हुआ डेटा; सत्य का कोई एकल-स्रोत नहीं; स्थानीयकृत व उच्च-गुणवत्ता वाले AI-तैयार डेटासेट्स की कमी आदि।
- फिजीटल अप्रोच की कमी: इंटरनेट तक सीमित पहुंच; डिजिटल समाधानों से जुड़ने के लिए भौतिक अवसंरचना, फील्ड कार्यबल या संपर्क बिंदुओं की कमी आदि।
- विखंडन: उद्योग, शिक्षा जगत, नीति निर्माताओं और विनियामक निकायों के बीच सीमित समन्वय तथा अलग-अलग कार्यप्रणाली।
- पूंजी: उच्च जोखिम और धीमी गति से बढ़ने वाले एगटेक नवाचारों के लिए वित्त-पोषण की कमी, किसानों के लिए सीमित ऋण सुविधा आदि।
कृषि रूपांतरण में फ्रंटियर टेक्नोलॉजी की भूमिका
- फ्रंटियर तकनीकों में बीज तकनीक, वर्टिकल फार्मिंग, डिजिटल ट्विन्स, प्रिसीजन टूल्स और स्मार्ट सेंसर, एजेंटिक AI, प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स और उन्नत मशीनीकरण शामिल हैं। इनका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना, सतत कृषि को प्रोत्साहित करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

फ्रंटियर टेक्नोलॉजी के विस्तार के लिए आगे की राह
- डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2.0 के लिए एक तीन-स्तंभ युक्त फ्रेमवर्क:
- बुनियादी प्रणालियों को फ्रंटियर-टेक के लिए तैयार करना: 360-डिग्री डेटा इकोसिस्टम तैयार करना, अंतिम छोर तक डिजिटल सेवाओं को सक्षम बनाना, एग्रीटेक स्टार्ट-अप एक्सेलेरेटर इकोसिस्टम को उन्नत करना आदि।
- भविष्य के लिए तैयार कृषि नवाचार और प्रतिभा प्रणालियों की पुनर्कल्पना: वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रतिभा और नवाचार इकोसिस्टम विकसित करना; अनुसंधान को व्यावहारिक रूप देना; उद्योग-अनुरूप अंतर्विषयक प्रतिभा को बढ़ावा देना तथा संस्थागत ढांचे को नवाचार के अनुरूप बनाना।
- कृषि रूपांतरण के लिए सार्वजनिक-निजी प्रयासों का समेकन: बेहतर नीति निर्माण के लिए उद्योगों और सरकार के प्रयासों को संरेखित करने हेतु सार्वजनिक-निजी संवाद के लिए साधनों/ उपकरणों का निर्माण करना।