जिला खनिज फाउंडेशन (The District Mineral Foundation: DMF) | Current Affairs | Vision IAS
Monthly Magazine Logo

Table of Content

जिला खनिज फाउंडेशन (The District Mineral Foundation: DMF)

Posted 01 Jul 2025

Updated 24 Jun 2025

41 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

हाल ही में, कोयला खदानों और इस्पात पर संसदीय स्थायी समिति ने संसद में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस रिपोर्ट में भारत में जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) फंड और प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) की कार्यप्रणाली की समीक्षा प्रस्तुत की गई है।

जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) के बारे में

  • गठन: इसका गठन 2015 में हुआ था। इसका गठन खान और खनिज (विकास और विनियमन) (MMDR) अधिनियम, 1957 में संशोधन करके किया गया था।
  • प्रकार: खनिजों के खनन से प्रभावित प्रत्येक भारतीय जिले में जिला खनिज फाउंडेशन का गठन किया जाता है। DMF फंड एक गैर-लाभकारी वैधानिक निधि है। इसे गैर-लाभकारी ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया जाता है।
  • उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार खनन गतिविधियों से प्रभावित व्यक्तियों के कल्याण को बढ़ावा देना और इस तरह की गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों का पुनरुद्धार करना है।
  • DMF की संरचना: दो-स्तरीय प्रशासनिक संरचना
    • MMDR अधिनियम, 1957 के अनुसार, राज्य सरकारों को जिला खनिज फाउंडेशन की संरचना और कार्यों को निर्धारित करने के लिए नियम बनाने का अधिकार है।
    • DMFs दो-स्तरीय प्रशासनिक संरचना के तहत कार्य करते हैं, जिनमें शामिल हैं:
      • शासी परिषद (Governing Council): यह नीति-निर्धारण का कार्य करती है।
      • प्रबंधन समिति (Managing Committee): यह परियोजनाओं और योजनाओं को लागू करती है।
  • DMF के वित्त-पोषण के स्रोत:
    • इसे खनन पट्टाधारकों से केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित रॉयल्टी के एक निश्चित प्रतिशत के रूप में निम्नलिखित दर से फंड प्राप्त होता है:
      • 2015 या उसके बाद दिए गए पट्टों के लिए रॉयल्टी का 10%
      • 2015 से पहले दिए गए पट्टों के लिए रॉयल्टी का 30%
    • खनन पट्टाधारकों का जिला खनिज फाउंडेशन में योगदान हर खनिज के लिए अलग-अलग होता है, क्योंकि यह रॉयल्टी के प्रतिशत के रूप में लिया जाता है, और रॉयल्टी खनिज के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होती है, न कि खदान के आधार पर।
    • फंड का उपयोग: इस फंड का उपयोग जिला स्तर पर प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) के दिशा-निर्देशों के तहत किया जाता है।
  • महत्व और स्थिति:
    • भागीदारी आधारित शासकीय कानूनों के अनुकूल: जिला खनिज फाउंडेशन की कार्यप्रणाली संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची (आदिवासी क्षेत्र); पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (PESA), 1996; तथा वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 से भी निर्देशित होती है।
    • 23 राज्यों के 645 जिलों में जिला खनिज फाउंडेशन का गठन किया गया है।
    • जिला खनिज फाउंडेशन को पिछले एक दशक में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक फंड प्राप्त हुए हैं।
    • DMF फंड प्राप्त करने के मामले में शीर्ष राज्य: ओडिशा (29%), छत्तीसगढ़ (14%), और झारखंड (13%)। 

प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) के बारे में

  • शुरुआत: इसकी शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2015 में MMDR अधिनियम, 1957 की धारा 20A के तहत की गई थी।
  • कार्यान्वयन तंत्र: राज्य सरकारों को जिला खनिज फाउंडेशन से संबंधित नियमों में PMKKKY को शामिल करना अनिवार्य होता है।
  • उद्देश्य:
    • खनिजों के खनन से प्रभावित क्षेत्रों में संधारणीय विकास सुनिश्चित करना।
    • स्वास्थ्य-देखभाल सेवा, शिक्षा, अवसंरचना, जलापूर्ति, आजीविका आदि के लिए फंड प्रदान करना।
  • मुख्य संशोधन (2024 के दिशा-निर्देश):
    • फंड आवंटन से जुड़ी प्राथमिकताएं:
      • DMF फंड का 70% उच्च-प्राथमिकता वाले क्षेत्रकों (जैसे- पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य देखभाल सेवा, शिक्षा आदि) में खर्च होना चाहिए।
      • अन्य क्षेत्रकों (अवसंरचना, सिंचाई, ऊर्जा, वाटरशेड विकास) पर अधिकतम 30% व्यय किया जाना चाहिए।
    • आजीविका पर ध्यान:
      • कौशल विकास का विस्तार करके इसमें कौशल विकास के साथ-साथ आजीविका सृजन को भी शामिल किया गया है।
      • कृषि और पशुपालन को उच्च-प्राथमिकता वाले क्षेत्रकों की सूची में शामिल किया गया है।
    • खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र: फंड का 70% हिस्सा खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में खर्च किया जाना चाहिए।
    • एंडोमेंट फंड: खनन कार्य समाप्त होने के बाद उन क्षेत्रों में आजीविका को बनाए रखने के लिए वार्षिक DMF प्राप्तियों का 10% अलग रखा जाएगा।
    • योजना को बेहतर करना: आवश्यकताओं के आकलन के आधार पर 5-वर्षीय परिप्रेक्ष्य योजनाएं (पर्सपेक्टिव प्लान) बनाना अनिवार्य किया गया है।

जिला खनिज फाउंडेशन से जुड़ी चुनौतियां

  • गवर्नेंस संबंधी समस्याएं:
    • अधिकारियों का दबदबा: DMFs ज़्यादातर जिला कलेक्टरों द्वारा नियंत्रित होते हैं। इनमें खनन से प्रभावित समुदाय का प्रतिनिधित्व बहुत कम होता है। उदाहरण के लिए, iForest रिपोर्ट के अनुसार, केवल पाँच राज्यों ने ही DMFs के शासी परिषदों में खनन से प्रभावित लोगों को शामिल किया है।
    • स्वायत्तता की कमी: संसदीय समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिला कलेक्टर ही जिला खनिज फाउंडेशन के शासी परिषद और प्रबंधन समिति, दोनों का अध्यक्ष होता है। इस वजह से ये फाउंडेशन स्वतंत्र निर्णय नहीं ले पाते हैं।
  • योजना और लाभार्थी की पहचान में कमी: किसी भी जिले ने पाँच साल की परिप्रेक्ष्य योजना (पर्सपेक्टिव प्लान) प्रकाशित नहीं की है।
    • उदाहरण के लिए, संसदीय समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम सभा की कम भागीदारी (जो टॉप-डाउन अप्रोच को दर्शाती है) सहभागी निर्णय लेने की प्रक्रिया को कमज़ोर करती है।
  • फंड के उपयोग से जुड़ी चुनौतियां:
    • कम खर्च: iForest की रिपोर्ट के अनुसार, एकत्र किए गए फंड का केवल 40% ही उपयोग किया गया है, जो परियोजना के क्रियान्वयन में देरी को दर्शाता है। उदाहरण के लिए- झारखंड, ओडिशा और राजस्थान जैसे प्रमुख राज्यों में फंड का उपयोग काफी कम हुआ है।
    • DMF फंड का असंतुलित आवंटन: फंड का उपयोग मानव विकास की तुलना में भौतिक अवसंरचना के विकास में अधिक किया जाता है। इससे गरीबी और अभाव को दूर करने के PMKKKY के लक्ष्य की अनदेखी होती है।
      • उदाहरण के लिए- iForest रिपोर्ट के अनुसार, 11 राज्यों में 30% से अधिक DMF फंड बुनियादी ढांचे के लिए आवंटित किया गया।
  • शिकायत निवारण और निगरानी प्रक्रिया का मजबूत नहीं होना: अधिकतर ज़िलों में शिकायत निवारण तंत्र सही से कार्य नहीं कर रहे हैं। कितनी शिकायतों का समाधान हुआ, इस पर कोई डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है।
    • उदाहरण के लिए- संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, 'DMF फंड उपयोग सूचकांक' नहीं होने की वजह से फंड के उपयोग में पारदर्शिता नहीं आ पाती है।
  • सोशल ऑडिट नहीं किया जाना: iForest रिपोर्ट के अनुसार, DMFs ने लाभार्थियों पर अपने निवेश के प्रभावी होने का मूल्यांकन करने के लिए सोशल ऑडिट असेसमेंट नहीं कराया है।
  • आकांक्षी ज़िलों में PMKKKY लक्ष्यों को प्राप्त करने में कठिनाई: संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, 112 आकांक्षी ज़िलों में से 106 DMF ज़िले हैं, फिर भी खनन के दुष्प्रभावों को कम करने का PMKKKY का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है। 

जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) के गवर्नेंस और कार्यान्वयन में सुधार

  • गवर्नेंस संबंधी सुधार:
    • यह सुनिश्चित करना चाहिए कि DMFs स्वतंत्र रूप से और समुदाय के नेतृत्व वाली संस्थाओं के रूप में कार्य करें, न कि जिला प्रशासन की शासकीय यूनिट के रूप में। 
      • उदाहरण के लिए, DMFs के संचालन में ग्राम सभाओं को सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
    • शासी परिषद और प्रबंधन समिति में खनन से प्रभावित समुदायों का कम-से-कम 1/3 प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
  • भागीदारीपूर्ण योजना और दीर्घकालिक दृष्टिकोण: सभी DMFs को स्थानीय समुदाय के परामर्श से पांच-वर्षीय व्यापक योजनाएं तैयार करनी चाहिए।
    • ये योजनाएं जिला के विकास-लक्ष्यों के अनुरूप होनी चाहिए, लेकिन इसमें खनन-प्रभावित लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • PMKKKY दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करना: DMF फंड का कम-से-कम 70% अति-महत्वपूर्ण क्षेत्रकों को आवंटित किया जाना चाहिए। इन क्षेत्रकों में स्वास्थ्य देखभाल सेवा, शिक्षा, आजीविका और कौशल विकास, तथा पेयजल आपूर्ति और सैनिटेशन शामिल हैं।
    • राज्य सरकारों को राष्ट्रीय PMKKKY दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
  • सोशल ऑडिट और वित्तीय समीक्षा अनिवार्य करना: स्वतंत्र थर्ड पार्टी एजेंसियों द्वारा नियमित रूप से ऑडिट करवाया जा सकता है।
    • नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को DMF के व्यय और उसके प्रभाव का समय-समय पर मूल्यांकन करना चाहिए।
  • 'जस्ट ट्रांजिशन' पर ध्यान देना: उदाहरण के लिए, खनन बंद होने के बाद उन क्षेत्रों में समुदायों को सहायता प्रदान करने के लिए पोस्ट-माइन इकोनॉमी (खनन-समाप्ति पश्चात विकास) के लिए एंडोमेंट फंड स्थापित करना चाहिए।

निष्कर्ष

अपने गठन के एक दशक बाद भी, जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहा है। समस्या फंड की कमी नहीं, बल्कि वांछित उद्देश्यों को पूरा करने के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण का अभाव और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है। DMF के तहत निर्धारित लक्ष्यों को वास्तव में पूरा करने के लिए, हमें तत्काल व्यवस्थागत सुधारों को अपनाने की आवश्यकता है। इस प्रक्रिया में खनन से प्रभावित समुदायों को निर्णय लेने के प्रक्रिया के केंद्र में रखना आवश्यक है।

  • Tags :
  • जिला खनिज फाउंडेशन (DMF)
  • PMKKKY
  • प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना
Download Current Article
Subscribe for Premium Features