राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड (NATIONAL ROAD SAFETY BOARD) | Current Affairs | Vision IAS
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राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड (NATIONAL ROAD SAFETY BOARD)

Posted 01 Jul 2025

Updated 25 Jun 2025

34 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 215B को लागू करने और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन करने में विफल रहने पर सवाल किया।

अन्य संबंधित तथ्य

  • मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 215B राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन का प्रावधान करती है। यह धारा मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा जोड़ी गई थी। 
  • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने 2021 में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन के लिए अधिसूचना जारी की थी।

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड (NRSB) के बारे में

  • संरचना: केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष और कम से कम तीन, लेकिन अधिकतम सात सदस्य।
  • मुख्यालय: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होगा और बोर्ड भारत में अन्य स्थानों पर कार्यालय स्थापित कर सकता है।
  • NRSB के कार्य:
    • बोर्ड सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और नई प्रौद्योगिकी को अपनाने तथा यातायात और मोटर वाहनों को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार होगा।
    • इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बोर्ड निम्नलिखित कार्य करेगा:
      • केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और स्थानीय प्राधिकरणों को सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन पर तकनीकी सलाह और सहायता प्रदान करना;
      • निम्नलिखित हेतु प्रोत्साहन देना-
        • गुड सेमेरिटन को बढ़ावा;
        • सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में सर्वोत्तम विधियों/ पद्धतियों को अपनाना;
        • वाहन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नई वाहन तकनीक को अपनाना;
        • अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी मानकों और घरेलू तकनीकी मानकों के बीच सामंजस्य बिठाना;
      • सड़क सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, दुर्घटना जांच में सुधार के लिए अनुसंधान का संचालन करना।

 

भारत में सड़क सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां

  • उच्च मृत्यु दर और अधिक संख्या में लोगों का घायल होना: 2022 में विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में 11% मौतें भारत में हुईं थीं। इस तरह भारत सड़क यात्रा के मामले में सबसे असुरक्षित देशों में से एक बन गया है।
  • व्यवहार संबंधी मुद्दे: 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2022' रिपोर्ट के अनुसार 2022 में, सड़क दुर्घटनाओं में 71.2% मौतें तेज गति से गाड़ी चलाने के कारण (ओवर-स्पीडिंग) हुईं। इसके बाद 5.4% मौतें गलत साइड से गाड़ी चलाने के कारण हुईं।  
  • सड़क की स्थिति/ परिवेश: 'विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)-दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय सड़क सुरक्षा स्थिति रिपोर्ट' के अनुसार, 20% से भी कम राष्ट्रीय सड़क नेटवर्क का 'सुरक्षा रेटिंग मूल्यांकन' किया जाता है।
  • राज्यों के स्तर पर धीमी प्रगति: IIT दिल्ली की ट्रिप (TRIP) सेंटर द्वारा संकलित "भारत सड़क सुरक्षा स्थिति रिपोर्ट 2024" के अनुसार, अधिकांश राज्य 2030 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को आधा करने के "संयुक्त राष्ट्र सड़क सुरक्षा दशक" के लक्ष्य को पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं।
  • अन्य चुनौतियां: सुरक्षित वाहन मानकों का अनुपालन नहीं करना, वाहन बेड़े में अलग-अलग विशेषताएं होना, सड़क दुर्घटना पीड़ितों को बचाने के प्रति राहगीरों की उदासीनता, उच्च गुणवत्ता वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी, आदि।

सड़क सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

वैश्विक स्तर पर उठाए गए कदम

  • सड़क सुरक्षा के लिए कार्रवाई दशक 2021–2030 के लिए वैश्विक योजना:
    • विकासकर्ता: WHO और संयुक्त राष्ट्र-क्षेत्रीय आयोगों द्वारा तैयार।
    • उद्देश्य: 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों और घायलों की संख्या को 50% तक कम करना।
  • सड़क सुरक्षा पर ब्रासीलिया घोषणा-पत्र 2015: इसके तहत देशों ने सतत विकास लक्ष्य-3.6  (SDG-3.6 ) प्राप्त करने का संकल्प लिया। भारत भी इस घोषणा-पत्र का हस्ताक्षरकर्ता है। 
    • SDG 3.6: 2030 तक वैश्विक स्तर पर सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु और घायलों की संख्या को आधा करना।  

भारत में उठाए गए कदम

  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति, 2010: यह नीति सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने, सड़क सुरक्षा डेटाबेस बनाने, सुरक्षित सड़क अवसंरचना सुनिश्चित करने, आदि पर ध्यान केंद्रित करती है।
  • मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (MVA 1988) में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 (MVA 2019) द्वारा संशोधन किए गए। इस अधिनियम में निम्नलिखित शामिल हैं:
    • गुड सेमेरिटन से संबंधित प्रावधान: अधिनियम की नई धारा 134A के तहत "गुड सेमेरिटन को सुरक्षा" प्रदान की गई है, जिसके तहत किसी दुर्घटना पीड़ित की सहायता करने वाला व्यक्ति किसी भी सिविल या आपराधिक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
  • सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना, 2025:
    • यह योजना केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत प्रदत्त अधिकारों के आधार पर शुरू की गई।
    • योजना के प्रमुख प्रावधान:
      • पात्रता: मोटर वाहन के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटना का कोई भी पीड़ित व्यक्ति इस योजना के तहत पात्र है।
      • कवरेज: इस योजना में दुर्घटना की तिथि से 7 दिनों तक सूचीबद्ध अस्पतालों में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार करने का प्रावधान किया गया है।
      • नोडल एजेंसी: राज्य सड़क सुरक्षा परिषद
      • सूचीबद्ध अस्पताल: राज्य सरकारें सभी सक्षम अस्पतालों को (आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री-जन आरोग्य योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों सहित) सूची में शामिल करेंगी।
      • भुगतान प्रक्रिया: अस्पतालों द्वारा क्लेम प्रस्तुत किए जाते हैं, जिनकी पुष्टि राज्य स्वास्थ्य एजेंसी करती है, और भुगतान मोटर वाहन दुर्घटना निधि से 10 दिनों के भीतर किया जाता है।
  • व्हीकल इंजीनियरिंग: एयरबैग, एंटी-ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), टायर्स, क्रैश टेस्ट आदि के संदर्भ में ऑटोमोबाइल सुरक्षा मानकों में सुधार किए गए हैं।
  • रोड इंजीनियरिंग: योजना निर्माण के स्तर पर ही सड़क डिजाइन में सड़क सुरक्षा को शामिल किया गया है।
  • भारत NCAP: यह "नई कार सुरक्षा मूल्यांकन कार्यक्रम (New Car Safety Assessment program: NCAP)" है जो ऑटोमोबाइल्स को 'स्टार रेटिंग' प्रदान करने की प्रणाली प्रस्तावित करता है।

आवश्यक उपाय:

  • गवर्नेंस और विनियमन में सुधार:
    • मानकीकृत मानदंडों के साथ सड़क की मूल्यांकन प्रक्रियाओं को मजबूत करना चाहिए
    • सड़क का नियमित रूप से ऑडिट करना चाहिए।
      • के. एस. राधाकृष्णन समिति (2014) ने राज्य राजमार्गों के लिए थर्ड पार्टी सुरक्षा ऑडिट की सिफारिश की थी।
  • तकनीकी प्रगति का उपयोग करना चाहिए:
    • मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) को लागू करना चाहिए।
    • नागपुर में लागू iRASTE (इंटेलिजेंट सोल्यूशन्स फॉर रोड सेफ्टी थ्रू टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग) जैसे AI आधारित समाधान को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा सकता है।
  • सेफ सिस्टम अप्रोच को अपनाना चाहिए: सेफ सिस्टम के तहत अग्रलिखित पांच प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है: मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट और भूमि-उपयोग की योजना, सुरक्षित सड़क अवसंरचना, वाहन की सुरक्षा, सड़क का सुरक्षित उपयोग, दुर्घटना के बाद की प्रतिक्रिया प्रणाली। 
  • आपातकालीन स्वास्थ्य-देखभाल सेवा प्रणाली में सुधार करना चाहिए:
    • सभी के लिए सुलभ और आवश्यक ट्रॉमा केयर प्रणाली की स्थापना करना चाहिए, जिसमें अस्पताल ले जाने से पहले की चिकित्सकीय प्रतिक्रिया प्रणाली भी शामिल हो।
  • अन्य उपाय: 
    • युवाओं में सुरक्षित ड्राइविंग की आदतों को बढ़ावा देना चाहिए,
    • उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट का उपयोग करना चाहिए,
    • शराब और मादक पदार्थों के सेवन में कमी करनी चाहिए, आदि। 

 

  • Tags :
  • मोटर वाहन अधिनियम, 1988
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  • सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना, 2025
  • सड़क सुरक्षा
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