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जल शक्ति मंत्रालय ने “डायनैमिक ग्राउंड वाटर रिसोर्स असेसमेंट रिपोर्ट 2024” जारी की

Posted 06 Jan 2025

12 min read

केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) और राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 2022 से प्रतिवर्ष भूजल संसाधनों का आकलन किया जा रहा है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • पुनर्भरण: साल 2024 में भारत में कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 446.90 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) रहा। यह साल 2023 के 449 BCM से थोड़ा कम है। इसमें वर्षा का योगदान लगभग 61% है।
  • जल की निकासी (यानी निकालना): वार्षिक निकासी योग्य भूजल संसाधन 2023 में 407.21 BCM था। यह 2024 में मामूली रूप से घटकर 406.19 BCM हो गया।
    • भूजल दोहन का समग्र स्तर 59.21% से मामूली रूप से बढ़कर 60.47% हो गया है।
  • वर्गीकरण
    • सुरक्षित रूप में वर्गीकृत आकलन इकाइयां 2023 की 73% की तुलना में मामूली रूप से बढ़कर 2024 में 73.4% हो गई थीं।
    • 3.05% आकलन इकाइयों को 'गंभीर' (Critical) श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। 
    • 11.1% आकलन इकाइयां ‘अति-दोहन की गई’ (Over-exploited) श्रेणी में वर्गीकृत की गई हैं।
      • ‘अति-दोहन की गई’ इकाइयों का संकेन्द्रण: उत्तर-पश्चिम (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश); ​​पश्चिम (राजस्थान एवं गुजरात); तथा दक्षिण (कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश)।
        • अति दोहन: एक वर्ष में भूजल का जितना पुनर्भरण (रिचार्ज) होता है, उससे अधिक जल की निकासी को अति-दोहन कहा जाता है।
      • ‘गंभीर’: वार्षिक आधार पर जितना दोहन योग्य भूजल संसाधन उपलब्ध है, उसका 90-100% दोहन ‘गंभीर’ स्थिति मानी जाती है।
      • ‘सुरक्षित’: भूजल पुनर्भरण का 70% से कम दोहन ‘सुरक्षित’ स्थिति है।

भूजल में कमी के लिए उत्तरदायी कारक

  • सिंचाई: सिंचाई के लिए अत्यधिक भूजल का उपयोग किया जाता है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार लगभग 60% भूजल सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, बहुत अधिक जल से सिंचाई (खेत को पानी से भरना), चावल जैसी अत्यधिक जल की मांग वाली फसलों को उगाना आदि खराब कृषि पद्धतियां भी जिम्मेदार हैं।   
  • पुनर्भरण: वनस्पति की हानि, वर्षा में स्थानिक और अस्थायी भिन्नता आदि के कारण भी भूजल पुनर्भरण में कमी आती है।
  • जलवायु परिवर्तन: अनियमित वर्षा पैटर्न भूजल पुनर्भरण को प्रभावित कर रहा है।

केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) के बारे में 

  • उत्पत्ति: CGWB का गठन 1970 में किया गया था। यह भूजल और उससे जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाला एक शीर्ष निकाय है।
  • कार्य: 
    • भूजल से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु प्रौद्योगिकियों का विकास करना; 
    • भूजल संसाधनों के वैज्ञानिक एवं सतत विकास और प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीतियों की निगरानी व कार्यान्वयन करना आदि। 
  • Tags :
  • जल शक्ति मंत्रालय
  • डायनैमिक ग्राउंड वाटर रिसोर्स
  • केंद्रीय भूजल बोर्ड
  • CGWB
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