हाल ही में, खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने ‘सांख्यिकी ईयरबुक’ जारी की है। इस ईयरबुक में वैश्विक खाद्य एवं कृषि क्षेत्रक को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों का समग्र विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
सांख्यिकी ईयरबुक के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र:
- कृषि के आर्थिक आयाम:
- वैश्विक GDP में कृषि का हिस्सा 2000 से लगभग 4% की दर पर स्थिर बना हुआ है।
- वैश्विक कार्यबल का 26% हिस्सा यानी 892 मिलियन लोग वर्तमान में कृषि क्षेत्रक में कार्यरत हैं, जबकि वर्ष 2000 में यह आंकड़ा 40% था।
- 2022 में भारत में कृषि क्षेत्रक में कार्यरत लोगों की संख्या सबसे अधिक 226 मिलियन थी।
- 2022 में, भारत की 76 मिलियन हेक्टेयर भूमि और चीन की 75 मिलियन हेक्टेयर भूमि सिंचित क्षेत्र के अधीन थी।
- कृषिगत जिंसों का उत्पादन, व्यापार और कीमत
- दोनों अमेरिका महाद्वीप और यूरोप अनाज के सबसे बड़े निर्यातक बने हुए हैं। एशिया अनाज का सबसे बड़ा आयातक है।
- भारत दुनिया का शीर्ष दुग्ध उत्पादक देश है। 2022 में वैश्विक दुग्ध उत्पादन में इसने 23% का योगदान दिया था। गन्ना उत्पादन और मात्स्यिकी में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है।
- खाद्य सुरक्षा एवं पोषण
- 2023 में, दुनिया की 9.1% आबादी (लगभग 733 मिलियन लोग) भुखमरी का सामना कर रही थी।
- सभी महाद्वीपों में, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में खाद्य असुरक्षा का अधिक सामना करना पड़ता है।
- कृषि की संधारणीयता और पर्यावरणीय पहलू
- 2000 से 2022 के बीच वैश्विक स्तर पर 91 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि कम हो गई थी था। इसी अवधि में 109 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र का नुकसान हुआ था।
- 2000 से 2022 के बीच, कृषि-खाद्य प्रणालियों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 10% की वृद्धि हुई थी।
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