कोंडा रेड्डी जनजाति
हाल ही में कोंडा रेड्डी जनजाति महंगे पारंपरिक विवाह करने की बजाय लिव-इन रिलेशनशिप को प्राथमिकता देने के कारण चर्चा में है।
कोंडा रेड्डी जनजाति के बारे में
- इसे विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- निवास स्थान: यह जनजाति मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के पूर्व व पश्चिम गोदावरी और खम्माम जिलों के पहाड़ी एवं वन क्षेत्रों में निवास करती है।
- मातृभाषा: इनकी मातृभाषा तेलुगु है।
- परिवार और विवाह: परिवार पितृसत्तात्मक और पितृस्थानीय होता है। सामान्यतः एकल विवाह की प्रथा का प्रचलन है। हालांकि, बहुविवाह वाले परिवार भी देखे जाते हैं।
- आस्था और त्यौहार: यह जनजाति मुतयालम्मा (ग्राम देवता), भूमि देवी (पृथ्वी देवी), गंगम्मा देवी (नदी देवी) आदि की पूजा करती है। यह ममीदी कोठा, भूदेवी पांडुगा, गंगम्मा पांडुगा और वाना देवुडु पांडुगा जैसे त्योहार मनाती है।
- Tags :
- PVTG
- कोंडा रेड्डी जनजाति
- विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह
डोजर पुश खनन विधि
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)-केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (CSIR-CIMFR) ने डोजर पुश माइनिंग विधि के लिए सफलतापूर्वक पहला परीक्षण विस्फोट किया।
डोजर पुश माइनिंग विधि के बारे में
- इस विधि में बिना मानवीय हस्तक्षेप वाले स्वचालित उपकरणों का उपयोग किया जाता है। यह खनन प्रक्रिया को बेहतर बनाते हुए कंपन और विस्फोट से उड़ने वाले पत्थरों को सुरक्षित सीमाओं के भीतर ही रखती है।
- पारंपरिक खनन की तुलना में महत्त्व:
- कोयले की तेजी से निकासी;
- प्रतिकूल मौसम के कारण होने वाली देरी में कमी;
- अत्यधिक किफायती;
- मानवीय श्रम से जुड़े जोखिमों में कमी, आदि।
- Tags :
- डोजर पुश खनन विधि
- CSIR-CIMFR
Articles Sources
नेट-जीरो बैंकिंग एलायंस (NZBA)
गोल्डमैन साक्स ग्रुप इंक सहित वॉल स्ट्रीट के सबसे बड़े बैंकों आदि ने NZBA से बाहर निकलने की घोषणा की है।
नेट-जीरो बैंकिंग एलायंस (NZBA) के बारे में
- यह बैंकों द्वारा संचालित और संयुक्त राष्ट्र द्वारा समन्वित एक समूह है। इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा ऋण प्रदान करने, निवेश, और पूंजी बाजार संबंधी गतिविधियों को 2050 तक हासिल किए जाने वाले नेट-ज़ीरो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लक्ष्य के अनुरूप करना है।
- कोई भी भारतीय बैंक NZBA का सदस्य नहीं है।
- यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) वित्त पहल के तहत प्रिंसिपल्स फॉर रिस्पॉन्सिबल बैंकिंग (PRB) की जलवायु संबंधी एक पहल है।
- Tags :
- नेट-जीरो बैंकिंग एलायंस
- NZBA
विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2010
हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से NGOs द्वारा विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2010 के उल्लंघन की रिपोर्टिंग करने को कहा है।
- अधिनियम के अनुसार चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को यह प्रमाणित करना अनिवार्य है कि किसी एसोसिएशन या NGO ने प्राप्त विदेशी अंशदान का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया है, जिसके लिए वह पंजीकृत है।
FCRA, 2010 के बारे में
- इसे संसद ने FCRA, 1976 को निरस्त करने के बाद बनाया था। इसका उद्देश्य निर्धारित व्यक्तियों, संगठनों या कंपनियों द्वारा विदेशी अंशदान की प्राप्ति और उपयोग को विनियमित करना है।
- FCRA में 2020 के संशोधन ने कुछ अतिरिक्त प्रतिबंध लगा दिए हैं, जैसे विदेशी धन के घरेलू अंतरण पर रोक लगाना, विदेशी धन प्राप्त करने वाले संगठनों के लिए विदेशी धन से प्रशासनिक व्यय को 20% तक सीमित करना आदि।
- Tags :
- NGOs
- विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम
- FCRA
पंचायत से पार्लियामेंट 2.0
लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने पंचायत से पार्लियामेंट 2.0 का उद्घाटन किया।
पंचायत से पार्लियामेंट 2.0 के बारे में
- इसे राष्ट्रीय महिला आयोग और लोक सभा सचिवालय द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया है।
- इसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं से अनुसूचित जनजातियों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को सशक्त बनाना है। साथ ही, उन्हें संवैधानिक प्रावधानों, संसदीय प्रक्रियाओं, और शासन प्रणाली की जानकारी देकर प्रभावी नेतृत्व के लिए प्रेरित भी करना है।
- Tags :
- पंचायत से पार्लियामेंट 2.0
- लोक सभा अध्यक्ष
प्रधान मंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-ऊषा/ PM-USHA)
केंद्र ने पीएम-ऊषा/ PM-USHA के तहत ओडिशा में अलग-अलग विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के अवसंरचना विकास के लिए 676.70 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
पीएम-ऊषा/ PM-USHA के बारे में
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के आलोक में, 2023 में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) योजना को PM-USHA के रूप में शुरू किया गया था।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों सहित राज्य सरकार के विशिष्ट विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों का वित्त-पोषण करना है। इससे निर्धारित मानदंडों और मानकों के अनुरूप इनकी गुणवत्ता में सुधार किया जा सकेगा।
योजना के फोकस क्षेत्र
- उच्चतर शिक्षा में समानता, पहुंच और समावेशन सुनिश्चित करना।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं सीखने की प्रक्रिया विकसित करना।
- जिन संस्थानों को प्रत्यायन (Accreditation) प्राप्त नहीं है, उन्हें प्रत्यायन प्रदान करना तथा प्रत्यायन प्रदायगी में सुधार करना।
- सूचना व संचार प्रौद्योगिकी (ICT) आधारित डिजिटल अवसंरचना विकसित करना।
- बहु-विषयक माध्यम से रोजगार क्षमता बढ़ाना।
- Tags :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति
- प्रधान मंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान
- PM-USHA
- पीएम-ऊषा
गुरुत्वीय तरंगें (Gravitational Waves)
अब तक निर्मित सबसे बड़े गुरुत्वीय तरंग डिटेक्टर का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने पुष्टि की है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वीय तरंगों का एक निरंतर कंपन होता रहता है।
गुरुत्वीय तरंगों के बारे में
- ये अदृश्य और तीव्र तरंगें हैं, जो प्रकाश की गति से गमन करती हैं। साथ ही, ये अपने मार्ग में आने वाले ओब्जेक्ट्स में संकुचन और विस्तार करते हुए गमन करती हैं।
- 1916 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने सापेक्षता के अपने सामान्य सिद्धांत में गुरुत्वीय तरंगों के अस्तित्व की भविष्यवाणी की थी ।
- उन्होंने प्रदर्शित किया था कि अत्यधिक द्रव्यमान वाले तीव्र गति से घूर्णन करते पिंड स्पेस-टाइम में संकुचन और विस्तार करते हैं। साथ ही, ये तरंगें स्रोत से सभी दिशाओं में गमन करती हैं।
- 2015 में, LIGO का उपयोग करके वैज्ञानिकों ने पहली बार गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाया था।
- LIGO- लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी।
- Tags :
- गुरुत्वीय तरंगें
- Gravitational Waves
- LIGO
नैनोपोर प्रौद्योगिकी
वैज्ञानिकों ने नैनोपोर तकनीक पर आधारित एक ऐसा उपकरण विकसित किया है, जो बीमारियों का निदान बहुत तेजी से और ज्यादा सटीकता के साथ कर सकता है। यह उपकरण अलग-अलग अणुओं से मिलने वाले संकेतों का विश्लेषण करके बीमारियों का निदान करता है।
नैनोपोर प्रौद्योगिकी के बारे में
- यह प्रौद्योगिकी एक पतली झिल्ली संरचना में लगे नैनो-स्केल छिद्रों को संदर्भित करती है। ये नैनो-स्केल छिद्र नैनोपोर से छोटे आवेशित जैविक अणुओं के छिद्र से गुजरने पर संभावित परिवर्तन का पता लगाते हैं।
- यह प्रौद्योगिकी रियल टाइम में जैविक नमूनों से सीधे न्यूक्लिक एसिड-DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) या RNA (राइबोन्यूक्लिक एसिड) को अनुक्रमित करने की क्षमता प्रदान करती है।
- इस प्रौद्योगिकी के संभावित उपयोग हैं:
- डिजीज मार्कर का पता लगाना, और
- कैंसर का नॉन-इनवेसिव प्रारंभिक निदान।
- Tags :
- नैनोपोर प्रौद्योगिकी
- न्यूक्लिक एसिड-DNA
- राइबोन्यूक्लिक एसिड