संयुक्त राज्य अमेरिका के एक अपील न्यायालय ने नेट न्यूट्रैलिटी के खिलाफ फैसला सुनाया | Current Affairs | Vision IAS
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संयुक्त राज्य अमेरिका के एक अपील न्यायालय ने नेट न्यूट्रैलिटी के खिलाफ फैसला सुनाया

Posted 06 Jan 2025

12 min read

हाल ही में, एक अमेरिकी अपीलीय न्यायालय ने फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन के नेट न्यूट्रैलिटी लागू करने के प्रयासों के खिलाफ फैसला सुनाया। यह अमेरिका और भारत में नेट न्यूट्रैलिटी के प्रति अलग-अलग दृष्टिकोण को दर्शाता है। फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन अमेरिका का दूरसंचार विनियामक है। 

  • नेट न्यूट्रैलिटी इस विचार का प्रतिनिधित्व करता है कि लोगों के लिए अधिकतम उपयोगी सार्वजनिक सूचना नेटवर्क या इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को इंटरनेट पर मौजूद सभी कंटेंट्स, साइट्स और प्लेटफॉर्म्स के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।
    • दूसरे शब्दों में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को सेवा, एप्लीकेशन, प्रेषक या प्राप्तकर्ता के आधार पर इंटरनेट ट्रैफिक में किसी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए।

नेट न्यूट्रैलिटी पर बहस

पक्ष में तर्कविपक्ष में तर्क
  • उपयोगकर्ता का अधिकार: प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी सेंसरशिप या हस्तक्षेप के ऑनलाइन स्वतंत्र रूप से अपनी बात कहने का मूल अधिकार है, तथा बिना किसी रुकावट के इंटरनेट तक पहुंच का अधिकार प्राप्त है। 
  • गोपनीयता: नेट न्यूट्रैलिटी के बिना, ISPs इंटरनेट ट्रैफिक की जांच और उसमें हेरफेर कर सकते हैं।  इससे उपयोगकर्ता की गोपनीयता से समझौता हो सकता है।
  • नवाचार एवं उद्यमिता: नेट न्यूट्रैलिटी, स्टार्ट-अप्स तथा बड़ी दिग्गज टेक- कंपनियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित कर सकती है।
  • ISPs के लिए राजस्व की हानि: फाइबर आधारित अवसंरचनाओं और नई एक्सेस बेस्ड प्रौद्योगिकियों में निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
  • समान अवसर का अभाव: भारत में दूरसंचार प्रदाताओं को वॉयस कॉल और संदेश जैसी समान सेवाओं के लिए उच्च लागत एवं विनियामकीय अनुपालन का सामना करना पड़ता है।
  • OTT ऐप्स पर चयनात्मक प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता: अशांत क्षेत्रों में इंटरनेट को पूरी तरह से शटडाउन करने की बजाय, संचार सेवाएं प्रदान करने वाले कुछ OTT ऐप्स को चुनिंदा रूप से प्रतिबंधित किया जा सकता है, ताकि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं में बाधाएं उत्पन्न न हों। 

 

भारत में नेट न्यूट्रैलिटी संबंधी फ्रेमवर्क

  • 2018 में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने नेट न्यूट्रैलिटी पर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को अधिसूचित किया था।
    • इसमें इंटरनेट एक्सेस सर्विसेज द्वारा कंटेंट के प्रति गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार के सिद्धांतों को शामिल किया गया था।
    • हालांकि, यह कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), विशिष्ट सेवाओं आदि के लिए गैर-भेदभाव नियमों से संबंधित कुछ अपवादों की अनुमति देता है।
  • Tags :
  • नेट न्यूट्रैलिटी
  • अमेरिकी अपीलीय न्यायालय
  • भारत में नेट न्यूट्रैलिटी
  • दूरसंचार विभाग (DoT)
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