भगदड़ का आशय उस स्थिति से है, जब भीड़ की व्यवस्थित आवाजाही में किसी कारणवश व्यवधान उत्पन्न हो जाता है, जिससे लोग अनियंत्रित होकर इधर-उधर भागने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई लोग घायल हो जाते हैं और गंभीर स्थिति (जैसे दम घुटने, कुचले जाने आदि) में उनकी मृत्यु भी हो जाती है। भगदड़ में मृत्यु का बड़ा कारण अभिघातजन्य श्वासावरोध (Traumatic asphyxia) है।
- कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, 1954-2012 के बीच भारत में हुई भगदड़ में से 79% के लिए धार्मिक आयोजन जिम्मेदार थे।
- हालिया उदाहरणों में 2024 में हाथरस और कालकाजी मंदिर की घटनाएं शामिल हैं।

भीड़ प्रबंधन
- भीड़ प्रबंधन पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशा-निर्देश
- भीड़ प्रबंधन रणनीति और व्यवस्था: क्षमता नियोजन (बुनियादी ढांचे का विकास), भीड़ के व्यवहार को समझना तथा समूह व्यवहार को प्रतिबंधित या सीमित करके भीड़ को नियंत्रित करना।
- जोखिम का मूल्यांकन और शमन: संभावित खतरों की पहचान करना और उनका समाधान करना।
- सूचना प्रबंधन: आगंतुकों और हितधारकों के साथ स्पष्ट संचार सुनिश्चित करना।
- सुरक्षा और संरक्षा: भीड़-भाड़ वाले एरिया में CCTV से निगरानी करना और वहां पर आपातकालीन निकास की व्यवस्था करना।
- चिकित्सा सेवाएं: सभी सुविधा से लैस एम्बुलेंस सेवाएं एवं प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करना।
- यातायात प्रबंधन: दक्ष परिवहन और मार्गों की स्पष्ट तरीके से मार्किंग सुनिश्चित करना।
भीड़ प्रबंधन में सर्वोत्तम पद्धतियां
- जापान और सिंगापुर: यहां पर भीड़ प्रबंधन के लिए AI-संचालित भीड़ निगरानी प्रणाली, रियल टाइम डेटा विश्लेषण, मोबाइल एप्लिकेशन जैसी एडवांस तकनीक का उपयोग किया जाता है।
- सऊदी अरब (हज तीर्थयात्रा प्रबंधन): सऊदी अरब क्राउड फ्लो मॉडलिंग, धार्मिक क्रियाकलापों के लिए निर्धारित समय स्लॉट आदि का उपयोग करता है।