गृह मंत्री ने BPR&D के नए आपराधिक कानूनों को लागू करने पर किए गए काम की समीक्षा की। साथ ही, उन्होंने जमीनी स्तर पर पुलिस द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को हल करने तथा पुलिस की वैश्विक छवि को सुधारने के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया।
- BPR&D की स्थापना 1970 में गृह मंत्रालय के तहत हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस बल के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना है।
भारत में पुलिस में व्यवस्था पर एक नजर:

- राज्य सूची का विषय: भारतीय संविधान के तहत पुलिस व्यवस्था मुख्य रूप से राज्यों द्वारा नियंत्रित की जाती है।
- केंद्र का राज्यों को सहयोग: केंद्रीय पुलिस बल, राज्य पुलिस को खुफिया जानकारी और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों (जैसे उग्रवाद) के मामले में सहायता प्रदान करते हैं।
- पुलिस के कार्य: कानूनों को लागू करना और अपराधों की जांच करना, कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना, सुरक्षा प्रदान करना तथा लोक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- पुलिस की जवाबदेही: राज्य सरकार के पास पुलिस बलों का पर्यवेक्षण और नियंत्रण होता है ताकि जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
राज्य में पुलिस सुधार हेतु की गई पहलें:
- राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (MPF) की योजना: इस योजना की अवधि पांच साल (2021-26) है। इसमें पुलिस की संरचना और संचालन को बेहतर बनाने के लिए 15 उप-योजनाएं शामिल हैं।
- स्मार्ट पुलिसिंग: यह विचार प्रधान मंत्री द्वारा 2014 में प्रस्तुत किया गया था। इसका उद्देश्य पुलिस को स्मार्ट/SMART बनाना है।
- स्मार्ट/SMART: सख्त और संवेदनशील; आधुनिक व गतिशील; सतर्क एवं जवाबदेह; विश्वसनीय और प्रतिक्रियाशील; तकनीकी रूप से कुशल तथा प्रशिक्षित।
- महिला प्रतिनिधित्व: गृह मंत्रालय ने राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को प्रत्येक जिले में पूर्णतः महिला पुलिसकर्मी वाले पुलिस स्टेशन स्थापित करने तथा महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाकर 33% करने की सलाह दी है।
- राज्य पुलिस बल को मजबूत करने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों {प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ (2006) मामला} का पालन जैसे उपायों को लागू किया जा सकता है।