निवेश और बाह्य वाणिज्यिक उधार | Current Affairs | Vision IAS
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    Posted 27 Jan 2025

    38 min read

    निवेश और बाह्य वाणिज्यिक उधार

    हाल ही में, भारतीय स्टेट बैंक ने भारत के निवेश और बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) परिदृश्य पर एक रिपोर्ट जारी की।

    रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

    • हाउसहोल्ड निवल वित्तीय बचत: यह वित्त वर्ष 2023 के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की 5.0% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 5.3% हो गई थी।
      • भौतिक परिसंपत्तियों में बचत वित्त वर्ष 2023 की GDP की 12.9% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 13.5% हो गई थी।
    • वित्त वर्ष 2023 में, सरकारी निवेश GDP का 4.1% हो गया था, जो वित्त वर्ष 2012 के बाद सबसे अधिक है।
    • वित्त वर्ष 2023 में प्राइवेट कॉर्पोरेट निवेश बढ़कर GDP का 11.9% हो गया था। यह वित्त वर्ष 2016 के बाद सबसे अधिक है।
    • बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) परिदृश्य: सितंबर 2024 तक कुल बकाया ECB 190.4 बिलियन डॉलर था।
    • CB वास्तव में रेजिडेंट संस्थाओं (भारत की संस्थाओं) द्वारा विदेशी कर्जदाताओं से लिया गया वाणिज्यिक ऋण है।
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    • निवेश और बाह्य वाणिज्यिक उधार
    • भारतीय स्टेट बैंक
    • प्राइवेट कॉर्पोरेट निवेश

    नैनो यूरिया

    एक हालिया अध्ययन के अनुसार, नैनो-यूरिया के निरंतर उपयोग से चावल और गेहूं की पैदावार कम हो सकती है।

    नैनो यूरिया के बारे में

    • इसका विकास इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोऑपरेटिव (IFFCO) ने किया है। यह नैनो प्रौद्योगिकी पर आधारित एक नवोन्मेषी कृषि उर्वरक है। यह पौधों की नाइट्रोजन आवश्यकता को पूरा करता है।
    • इस उर्वरक में 4% नाइट्रोजन होता है।
    • नैनो यूरिया में मौजूद नाइट्रोजन के कणों का आकार 20-50 नैनोमीटर है। पारंपरिक यूरिया की तुलना में नैनो यूरिया में प्रति इकाई क्षेत्र में अधिक सरफेस एरिया और कणों की अधिक संख्या होती है। 
    • नैनो-यूरिया के लाभ:
      • पौधे पोषक तत्वों को उच्च दक्षता से अवशोषित कर पाते हैं। 
      • खेतों से जल के साथ उर्वरक का रिसाव और गैस के रूप में उत्सर्जन को कम करके कृषि क्षेत्रों से पोषक तत्वों के नुकसान को कम करता है। इस तरह यह पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करता है।
      • इसका भंडारण और परिवहन सुरक्षित एवं आसान है।
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    हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम, 2022

    कर्नाटक हाई कोर्ट ने विद्युत (हरित ऊर्जा खुली पहुंच के माध्‍यम से अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा) नियम, 2022 को रद्द कर दिया।

    • कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के पास इन विशिष्ट नियमों को बनाने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही, यह भी कहा कि राज्य स्तर पर इनसे संबंधित आयोग को हरित ऊर्जा खुली पहुंच को विनियमित करने के लिए अधिकृत किया गया है।

    हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम (GORA), 2022 के बारे में

    • इन्हें खुली पहुंच के माध्यम से हरित ऊर्जा के उत्पादन, खरीद और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचित किया गया है। इनमें अपशिष्ट-से-ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों से उत्पादित ऊर्जा को भी शामिल किया गया है।  
    • इन नियमों के तहत किसी भी उपभोक्ता को ऊर्जा खरीद की अनुमति दी गई है। हरित ऊर्जा खुली पहुंच के तहत लेन-देन की सीमा 1 मेगावाट से घटाकर 100 किलोवाट कर दी गई है।
      • इसका अर्थ है कि 100 किलोवाट की मांग वाले उपभोक्ता भी खुली पहुंच के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं।
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    • हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम
    • GORA

    विक्टोरिया झील

    शोधकर्ताओं ने विक्टोरिया झील की विनैम खाड़ी में सायनोबैक्टीरिया का आनुवंशिक सर्वेक्षण किया। 

    विक्टोरिया झील के बारे में

    • यह ताजे जल की विश्व की दूसरी सबसे बड़ी झील है। पहले स्थान पर संयुक्त राज्य अमेरिका की सुपीरियर झील है। 
    • यह अफ्रीका की सबसे बड़ी झील है।
    • इसके साथ सीमा साझा करने वाले देश हैं: तंजानिया, युगांडा, और केन्या।

    सायनोबैक्टीरिया के बारे में 

    • सायनोबैक्टीरिया या नील हरित शैवाल (blue-green algae) प्रकाश संश्लेषण करने वाले सूक्ष्मजीव हैं। ये जलीय पारिस्थितिकी-तंत्र में पाए जाते हैं।
    • ये धान और फलियों की खेती में नाइट्रोजन उर्वरक प्रदान करने में सहायक होते हैं।
    • आर्कियन और प्रोटेरोज़ोइक युग के दौरान ऑक्सीजन-युक्त वायुमंडल के निर्माण में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
    • हालांकि, सायनोबैक्टीरिया ताज़े जल और समुद्री पर्यावरण में सघन व विषाक्त शैवाल प्रस्फुटन (Toxic blooms) का कारण बन सकते हैं। 
    • यह परिघटना पारिस्थितिक-तंत्र को बाधित करती है और जल की गुणवत्ता को कम करती है।
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    पीएम श्री/ PM SHRI योजना (PM स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया)

    शिक्षा मंत्रालय (MoE) के अनुसार, पांच राज्यों (मणिपुर, त्रिपुरा, राजस्थान, मेघालय और मध्य प्रदेश) में पीएम श्री स्कूलों में छात्र नामांकन में लगभग 76% की वृद्धि देखी गई है।

    पीएम श्री योजना के बारे में

    • यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप है। 
    • नोडल मंत्रालय: शिक्षा मंत्रालय। 
    • प्रकार: यह 2022 में शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है। 
    • अवधि: 5 वर्ष यानी 2022-23 से 2026-27 तक। 
    • उद्देश्य: केंद्र/ राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश की सरकार/ स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित 14,500 से अधिक पीएम श्री स्कूलों का विकास करना। 
    • वित्त-पोषण का पैटर्न: 
      • केंद्र और राज्य सरकारों तथा विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू व कश्मीर को छोड़कर) के बीच 60:40 का अनुपात। 
      • पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर के लिए 90:10 का अनुपात। 
      • विधान सभा रहित केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100% का वित्त-पोषण।
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    • पीएम श्री
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    फेंटानिल

    संयुक्त राज्य अमेरिका चीन से किए जाने वाले आयात पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। इसके पीछे अमेरिका ने फेंटानिल की तस्करी को कारण बताया है। अमेरिका के अनुसार मैक्सिको और कनाडा के ज़रिए चीन अमेरिका में फेंटानिल की तस्करी कर रहा है। 

    फेंटानिल के बारे में 

    • यह एक प्रभावी सिंथेटिक ओपिओइड है, जिसे एनाल्जेसिक (दर्द से राहत) और एनेस्थीसिया के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अनुमोदित किया गया है। 
    • एनाल्जेसिक के रूप में यह मॉर्फिन से लगभग 100 गुना अधिक, जबकि हेरोइन से 50 गुना अधिक प्रभावी है। 
    • ओपिओइड (फेंटानिल, ऑक्सीकोडोन, मॉर्फिन आदि), अफीम पोस्त में पाए जाने वाले प्राकृतिक पदार्थों से प्राप्त की गई दवाएं हैं। इन्हें अफीम पोस्त में पाए जाने वाले प्राकृतिक पदार्थों की नकल करके भी तैयार किया जा सकता है। 
    • सभी ओपिओइड एक जैसा काम करते हैं। वे मस्तिष्क और शरीर में तंत्रिका कोशिकाओं के एक क्षेत्र को सक्रिय करते हैं, जिसे ओपिओइड रिसेप्टर्स कहा जाता है। ये ओपिओइड रिसेप्टर्स मस्तिष्क और शरीर के बीच दर्द के संकेतों को रोकते हैं।
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    • फेंटानिल
    • सिंथेटिक ओपिओइड
    • एनाल्जेसिक

    पद्म पुरस्कार

    गृह मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की। 

    पद्म पुरस्कारों के बारे में 

    • ये पुरस्कार 1954 में शुरू किए गए थे। ये देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं।
    • ये राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में तीन निम्नलिखित श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं:
      • पद्म विभूषण: असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए; 
      • पद्म भूषण: उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए; तथा 
      • पद्मश्री: किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए।
    • ये पुरस्कार विविध विषयों/ गतिविधियों से संबंधित क्षेत्रों में दिए जाते हैं। जैसे- कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक कार्य, विज्ञान व इंजीनियरिंग, व्यापार एवं उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि।
    • हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर इनकी घोषणा की जाती है।
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    • पद्म पुरस्कार
    • गणतंत्र दिवस

    एटिकोप्पाका गुड़िया

    गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति के स्वागत समारोह में एटिकोप्पाका गुड़िया का प्रदर्शन किया गया। 

    एटिकोप्पाका गुड़िया के बारे में

    • उत्पत्ति: यह आंध्र प्रदेश के एटिकोप्पाका में 400 साल पुराना शिल्प है। 
    • इसे 2017 में आधिकारिक तौर पर भौगोलिक संकेतक (GI) टैग दिया गया था।
    • ये गुड़िया अंकुडु वृक्ष (राइटिया टिंक्टोरिया) की लकड़ी से बनाई जाती हैं। यह लकड़ी अपने कम वजन और चिकने बनावट के लिए विख्यात है। 
      • इस शिल्प में कोई भारी धातु या विषाक्त वस्तु उपयोग नहीं की जाती है। 
    • प्राकृतिक तत्वों, जैसे- बीज, लाख, छाल, जड़ और पत्तियों से बनाई जाती हैं।  
    • एटिकोप्पाका खिलौने बनाने की प्रक्रिया को ‘टर्न्ड वुड लैकर क्राफ्ट' या 'थारिनी' के नाम से जाना जाता है।
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