भारत-EU TTC की स्थापना 2022 में हुई थी। यह भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मंच है। इसका उद्देश्य व्यापार, विश्वसनीय तकनीक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का समाधान करना है।
- इस परिषद के तहत तीन कार्य समूह बनाए गए हैं:
- रणनीतिक प्रौद्योगिकियां, डिजिटल गवर्नेंस और डिजिटल कनेक्टिविटी;
- स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकियां; तथा
- व्यापार, निवेश और लचीली मूल्य श्रृंखलाएं।

इस बैठक के मुख्य निष्कर्षों पर एक नजर
- रणनीतिक प्रौद्योगिकियां, डिजिटल गवर्नेंस और डिजिटल कनेक्टिविटी:
- AI, सेमीकंडक्टर्स, हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग और 6G को मानव-केंद्रित तरीके से विकसित करने पर सहमति बनी।
- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को इंटर-ऑपरेबल बनाने और यूरोपीय AI कार्यालय व भारत AI मिशन के बीच सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी।
- हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियां:
- होराइजन यूरोप प्रोग्राम के तहत 60 मिलियन यूरो के संयुक्त निवेश के साथ समन्वित अनुसंधान शुरू करने की घोषणा की गई है।
- होराइज़न यूरोप यूरोपीय संघ (EU) का प्रमुख अनुसंधान और नवाचार वित्त-पोषण प्रोग्राम है।
- होराइजन यूरोप प्रोग्राम के तहत 60 मिलियन यूरो के संयुक्त निवेश के साथ समन्वित अनुसंधान शुरू करने की घोषणा की गई है।
- व्यापार, निवेश और लचीली मूल्य श्रृंखलाएं:
- 2025 तक भारत-EU मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पूरा करने पर सहमति बनी।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की जांच करने के मामले में सर्वोत्तम पद्धतियों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
- यूरोपीय संघ के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मेकेनिजम (CBAM) सहित व्यापार और डीकार्बोनाइजेशन पर चर्चा की गई।
- भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई गई।
भारत और EU, दोनों बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाएं हैं तथा खुले बाजार, सुरक्षा, समृद्धि और संधारणीय विकास जैसे साझा मूल्यों को प्राथमिकता देते हैं। इसलिए, बहु-ध्रुवीय विश्व में यह साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।