यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर आधारित संयंत्र स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत स्थापित किया गया है।
- इसका उद्देश्य हरित अपशिष्ट को मूल्यवान व पर्यावरण-अनुकूल संसाधनों में परिवर्तित करके अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
इंदौर में हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र के बारे में
- यह लकड़ी, शाखाओं, पत्तियों और फूलों जैसे हरित अपशिष्ट को प्रसंस्कृत करेगा और इंदौर नगर निगम के लिए राजस्व उत्पन्न करेगा।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत, इंदौर नगर निगम भूमि उपलब्ध कराएगा और हरित अपशिष्ट को संयंत्र तक परिवहन के जरिये पहुंचाएगा।
- इस संयंत्र की स्थापना, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी (एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड) को दी गई है।
भारत में हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण हेतु शुरू की गई पहलें
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016: जैव-निम्नीकरणीय अपशिष्ट को यथासंभव परिसर के भीतर ही प्रोसेस, ट्रीटमेंट और कम्पोस्ट या बायोमीथेनेशन के माध्यम से निपटाया जाएगा।
- राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम: यह देश में जैव ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में सहायता करता है।
- वेस्ट टू वेल्थ मिशन: प्रधान मंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC) के तहत इस पहल का उद्देश्य भारत में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना है।
स्वच्छ भारत मिशन (SBM) के बारे में
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