नासा के अंतरिक्ष यात्री 286 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद पृथ्वी पर वापस लौटे | Current Affairs | Vision IAS
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नासा के अंतरिक्ष यात्री 286 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद पृथ्वी पर वापस लौटे

Posted 19 Mar 2025

12 min read

ये अंतरिक्ष यात्री बोइंग के CST-100 स्टारलाइनर से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गए थे।

  • स्टारलाइनर में हीलियम गैस के लीक होने और एक खराब थ्रस्टर की समस्या के चलते यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं रहा । थ्रस्टर प्रणाली पृथ्वी के वायुमण्डल में पुनः प्रवेश के दौरान अंतरिक्ष यान की दिशा और नियंत्रण में मदद करती है। 
  • सोवियत अंतरिक्ष यात्री वालेरी पोल्याकोव के नाम अंतरिक्ष में एक ही बार में सबसे लंबा समय बिताने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने मीर स्पेस स्टेशन पर 438 दिन बिताए थे।

लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मिलने वाले अवसर:

  • चिकित्सा अनुसंधान: यह मानव शरीर पर लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के प्रभावों का अध्ययन करने का दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।
  • प्रौद्योगिकी परीक्षण: इससे यह आकलन करने में सहायता मिलती है कि जीवन-सहायक प्रणालियां, अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यान पर लगे उपकरण निर्धारित मिशन अवधि के बाद कैसा प्रदर्शन करते हैं।
  • डीप स्पेस मिशन की तैयारी: यह भविष्य में मंगल और चंद्रमा पर मिशन भेजने की योजना बनाने के लिए मूल्यवान डेटा प्रदान करता है। ऐसे मिशनों में अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में लंबी अवधि तक रहना पड़ेगा।

अंतरिक्ष में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां:

  • अंतरिक्ष विकिरण: खगोलीय और सौर विकिरणों के संपर्क में आने से कैंसर एवं अन्य विकिरण जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र: माइक्रोग्रैविटी (अंतरिक्ष में कम गुरुत्वाकर्षण) से मांसपेशियों के अट्रॉफी और हड्डी के घनत्व में कमी आ सकती है। साथ ही, पृथ्वी पर आने के बाद शारीरिक संतुलन एवं तालमेल प्रभावित हो सकता है।
    • माइक्रोग्रैविटी में हड्डियों की क्षमता में प्रति माह 1% से 1.5% तक का नुकसान हो सकता है।
  • अकेलापन और मानसिक दबाव: पृथ्वी से दूर सीमित स्थानों में रहने के मनोवैज्ञानिक प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य और टीम के तालमेल को प्रभावित कर सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के बारे में

  • यह एक रहने योग्य कृत्रिम उपग्रह है, जो निम्न भू-कक्षा (370-460 किमी की ऊंचाई पर) में स्थित है।
  • प्रमुख साझेदार: यूरोपीय देश (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा प्रतिनिधित्व), संयुक्त राज्य अमेरिका (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन: NASA), जापान (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी), कनाडा (कनाडाई स्पेस एजेंसी) और रूस (रोस्कोस्मोस)।
  • उद्देश्य: वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी परीक्षण, गहन अंतरिक्ष में अन्वेषण की तैयारी करना आदि।
  • Tags :
  • अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)
  • बोइंग CST-100 स्टारलाइनर
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