CSIR-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) ने विश्व का पहला पिंक बॉलवर्म प्रतिरोधी GM कपास विकसित किया | Current Affairs | Vision IAS
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CSIR-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) ने विश्व का पहला पिंक बॉलवर्म प्रतिरोधी GM कपास विकसित किया

Posted 19 Mar 2025

8 min read

आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) कपास को बैसिलस थुरिंजिएंसिस (Bt) बैक्टीरिया से लिए गए जीन को शामिल कर तैयार किया गया है। इसे Bt कॉटन (चित्र देखें) के रूप में भी जाना जाता है। 

  • Bt कपास 2002 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC) द्वारा व्यावसायिक खेती के लिए स्वीकृत एकमात्र GM फसल है।

आविष्कार के बारे में

  • पृष्ठभूमि: भारत में GM कपास की शुरुआत के बाद से, बॉलगार्ड 1 और बॉलगार्ड 2 जैसी किस्मों ने कुछ बॉलवर्म प्रजातियों (जैसे- अमेरिकन बॉलवर्म, स्पॉटेड बॉलवर्म आदि) को नियंत्रित किया है।
  • समस्या: ये पिंक बॉलवर्म (PBW) के खिलाफ प्रभावी नहीं रहे, क्योंकि PBW ने Cry 1Ac प्रोटीन के खिलाफ प्रतिरोध विकसित कर लिया है।
  • समाधान: इस समस्या के समाधान के लिए CSIR-NBRI ने एक नए कीटनाशक जीन से युक्त कपास की एक नई किस्म विकसित की है। यह बॉलगार्ड 2 की तुलना में PBW के खिलाफ बेहतर प्रतिरोध प्रदर्शित करती है। 
    • यह अन्य कीटों जैसे कॉटन लीफवर्म और फाल आर्मीवर्म से भी संरक्षण प्रदान करती है।

पिंक बॉलवर्म (PBW) और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में

  • प्रमुख कपास कीट: PBW (गुलाबी सुंडी) कई चरणों से गुजरता है- अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क। 
    • इसमें लार्वा से फसल को सबसे अधिक नुकसान होता है। ये कपास (कॉटन-बॉल्स) को खाते हैं, जिससे बीज और रेशे नष्ट हो जाते हैं।
  • प्रसार और गंभीरता: इनसे गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में उपज में 30% तक की हानि हुई है।
  • Tags :
  • GEAC
  • बॉलगार्ड
  • GM कपास
  • Cry 1Ac प्रोटीन
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