यूनाइटेड किंगडम ने कैंसर के त्वरित उपचार के लिए घंटों तक चलने वाले पारंपरिक इंट्रावेनस (IV) ड्रिप (नसों में) की जगह 15 मिनट के इंजेक्शन के माध्यम से निवोलुमैब देने की एक तीव्र विधि अपनाई है। निवोलुमैब एक इम्यूनोथेरेपी दवा है।
इम्यूनोथेरेपी के बारे में
- परिभाषा: इम्यूनोथेरेपी एक प्रकार की जैविक चिकित्सा है। यह कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) के घटकों का उपयोग करती है।
- जैविक चिकित्सा: उपचार की इस विधि में कैंसर को लक्षित करने और उसका इलाज करने के लिए जीवित जीवों से प्राप्त पदार्थों का उपयोग किया जाता है।
- कीमोथेरेपी: इसके विपरीत, कीमोथेरेपी सीधे कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करके उनकी वृद्धि और प्रसार को रोकती है, लेकिन यह स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाती है।
- इम्यूनोथेरेपी कैसे काम करती है?
- प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करना: इससे प्रतिरक्षा तंत्र कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने में अधिक मेहनत या समझदारी से काम कर सकेगा। उदाहरण के लिए- इम्यूनोमॉड्युलेटर।

- प्रयोगशाला में प्रतिरक्षा प्रणाली के घटकों का निर्माण: इससे कैंसर कोशिकाओं को खोजने और उन्हें नष्ट करने की प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता को बहाल किया जाता है या बेहतर बनाया जाता है। उदाहरण के लिए- मोनोक्लोनल एंटीबॉडी।
इम्यूनोथेरेपी के लाभ
- सटीकता (Precise): प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं को बचाते हुए कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करती है।
- गतिशील (Dynamic): यदि ट्यूमर का पता नहीं चल पाता है तो यह नए हमले शुरू करने के लिए अनुकूलन और पुनर्मूल्यांकन करती है।
- स्मरण: प्रतिरक्षा प्रणाली की स्मृति इसे बार-बार होने वाले कैंसर को पहचानने और खत्म करने में सक्षम बनाती है।
इम्यूनोथेरेपी के नुकसान
- उच्च चयनात्मकता के कारण "इम्यून सप्रेशन" और "इम्यून एक्सक्लूशन" ट्यूमर्स के लिए कम प्रभावी हो जाती है।
- इसकी प्रभावशीलता अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग होती है। इससे रोगी के जीवित रहने की दर और रोग का निदान अनिश्चित हो जाता है।
- उपचार की लागत अधिक है।