भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने देश की पहली जीनोम-एडिटेड चावल की किस्में विकसित की हैं। इनके नाम हैं- DRR चावल 100 (कमला) और पुसा DST चावल-1. यह उपलब्धि भारत को जीनोम एडिटिंग तकनीक से चावल विकसित करने वाला दुनिया का पहला देश बनाती है।
- चावल की ये किस्में CRISPR-Cas आधारित जीनोम एडिटिंग तकनीक का उपयोग करके विकसित की गई हैं।

- CRISPR-Cas जीनोम एडिटिंग तकनीक में किसी प्रजाति या फसल किस्म में किसी अन्य प्रजाति के DNA को प्रवेश कराये बिना उसके अनुवांशिक पदार्थ में सटीक संशोधन कर दिया जाता है।
- भारत की बायो-सेफ्टी नियमावली के तहत सामान्य फसलों में साइट-निर्देशित न्यूक्लीज-1 (SDN1) और SDN2 प्रकार की जीनोम एडिटिंग को मंजूरी दी गई है।
- ICAR ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान निधि (NASF) की सहायता से उपर्युक्त किस्मों का विकास किया है।
- NASF कृषि अनुसंधान में मौलिक और रणनीतिक अध्ययन को सहायता प्रदान करती है।
चावल की नई जीनोम-एडिटेड किस्मों के बारे में
- DRR चावल 100 ‘कमला’
- इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (ICAR–IIRR), हैदराबाद ने विकसित किया है।
- इस किस्म के विकास के लिए ‘सांबा महसूरी’ चावल की किस्म में CKX2 (साइटोकाइनिन ऑक्सीडेज 2) जीन को संशोधित किया गया।
- साइटोकाइनिन पादप हार्मोन है जो पौधों की वृद्धि और कोशिका विभाजन में भूमिका निभाता है।
- पुसा DST चावल 1
- इस किस्म का विकास ICAR के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR–IARI), नई दिल्ली ने किया है।
- यह MTU1010 (कॉटनडोरा सन्नालू) नामक बारीक दानों वाली चावल की उन्नत किस्म है।
साइट डाइरेक्टेड न्यूक्लीज (SDN) के प्रकार
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