भारतीय पत्तन मात्रा के हिसाब से लगभग 90% और मूल्य के हिसाब से 70% निर्यात-आयात (EXIM) कार्गो का प्रबंधन कर रहे हैं। यह देश की आर्थिक संवृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
प्रमुख उपलब्धियां

- कार्गो हैंडलिंग: महापत्तनों द्वारा कार्गो हैंडलिंग में 4.3% की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल कार्गो हैंडलिंग 819 मिलियन टन थी, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर लगभग 855 मिलियन टन हो गई।
- ऐतिहासिक उपलब्धि: पारादीप पत्तन प्राधिकरण (PPA) और दीनदयाल पत्तन प्राधिकरण (DPA), ऐसे दो महापत्तन हैं, जिन्होंने पहली बार 150 मिलियन टन कार्गो हैंडलिंग के आंकड़े को पार किया है।
- औसत टर्नअराउंड टाइम (TRT): यह वित्त वर्ष 2014-15 में 96 घंटे था, जो वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 49.5 घंटे रह गया, यानी इसमें 48% का सुधार हुआ है।
- आइडल टाइम: इसमें वित्त वर्ष 2014-15 से 2024-25 तक लगभग 29% की गिरावट दर्ज की गई है।
- वित्तीय प्रदर्शन: कुल आय वित्त वर्ष 2014-15 में 11,760 करोड़ रुपये से दोगुनी से अधिक बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 24,203 करोड़ हो गई है। इसमें 10 वर्षों में 7.5% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की गई है।
- निजी क्षेत्रक की भागीदारी: महापत्तनों पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) परियोजनाओं में निवेश में 3 गुना वृद्धि देखी गई है।

पत्तन अवसंरचना को मजबूत करने के लिए उठाए गए प्रमुख कदम
- सागरमाला: इस प्रमुख योजना की शुरुआत 2015 में की गई थी। इसका उद्देश्य पत्तनों का आधुनिकीकरण, नए पत्तनों का विकास, पत्तन संपर्क और तटीय समुदायों का विकास करना है।
- इसके तहत लगभग 839 परियोजनाएं (मूल्य 5.79 लाख करोड़ रुपये) चिन्हित की गई हैं, जिन पर काम किया जा रहा है।
- मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030: इसके तहत भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्रक में अग्रणी बनाने के लिए 150 पहलों की रूपरेखा तैयार की गई है।
- अन्य पहलें:
- नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल (मरीन)- सागर-सेतु (SAGAR-SETU);
- रीयल-टाइम परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग डैशबोर्ड;
- सागर मंथन आदि।